करेंट अफेयर्स डाइजेस्ट: 03 अप्रैल
अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्दुलअज़ीज़ बूतेफ़्लीका ने इस्तीफ़ा दिया
अल्जीरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक़ राष्ट्रपति अब्दुलअज़ीज़ बूतेफ़्लीका ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. राष्ट्रपति अब्दुलअज़ीज़ बूतेफ़्लीका ने बीस सालों से सत्ता पर क़ाबिज़ थे. वे पहले ही कह चुके थे की इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे और 28 अप्रैल को अपना कार्यकाल समाप्त होने पर पद छोड़ देंगे.
अब्दुलअज़ीज़ बूतेफ़्लीका फ्रांस के शासनकाल के अंतिम दिनों में एक सैन्य अधिकारी थे. वे एक दशक से अधिक तक देश के विदेश मंत्री भी रहे और उन्होंने तख़्तापलट में भी हिस्सा लिया था. मोरक्को में साल 1937 में पैदा हुए बूतेफ़्लीका ने बीस सालों तक अल्जीरिया की सत्ता संभाली. उन्होंने हर बार इकतरफ़ा चुनाव जीता.
उनका मुख्य काम देश और अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करना था. लेकिन पहले उन्हें अल्जीरिया के हिंसक और बर्बर गृह युद्ध को पूरी तरह ख़त्म करना था जो साल 1990 के दशक में चुनावों में इस्लामिक सालवेशन फ़्रंट की जीत से शुरू हुआ था. अल्जीरिया की सेना ने इस जीत को मान्यता नहीं दी थी.
चुनाव आयोग ने राफेल पर लिखी किताब के लॉन्च पर लगाई रोक
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में 02 अप्रैल 2019 को राफेल डील पर तमिल भाषा में लिखी गई किताब 'नट्टई उलुक्कम राफेल' के लॉन्च पर रोक लगा दी. चुनाव आयोग ने भारती पुस्तकालयम प्रकाशक से इस किताब की सैकड़ों प्रतियां भी ज़ब्त की हैं.
आयोग के अधिकारियों के अनुसार, किताब में राफेल से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां हैं जो आचार संहिता का उल्लंघन है. इसे किताब को एस विजयन ने लिखा है. इस किताब का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार और ‘द हिंदू’ के चेयरमैन एन राम करने वाले थे. भारती पब्लिशिंग हाउस ने इस किताब को प्रकाशित किया है.
पाकिस्तान सरकार ने आईपीएल के प्रसारण पर रोक लगाई
पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने दुनिया भर में प्रसिद्ध इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ट्वंटी 20 टूर्नामेंट के पाकिस्तान में प्रसारण पर रोक लगाने का 02 अप्रैल 2019 को निर्णय लिया. पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद अहमद चौधरी के अनुसार, इस बार आईपीएल का प्रसारण पाकिस्तान में नहीं किया जाएगा.
यह फैसला पाकिस्तान सुपर लीग को भारत में ना दिखाए जाने के बाद लिया गया. बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के विरोध में भारत के आधिकारिक प्रसारकों (डी स्पोर्ट्स और आईएमजी रिलांयस) द्वारा भारत में पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों ने अपनी जान गवांई थी.
एशियाई खेलों में खो-खो खेल शामिल होगा
एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने भारत के पारंपरिक खेल खो-खो को मान्यता प्रदान कर दी है. भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के महासचिव और एशियाई खो-खो महासंघ के अध्यक्ष राजीव मेहता ने 02 अप्रैल 2019 को एक संवाददाता सम्मेलन में अल्टीमेट खो-खो को लांच किये जाने के अवसर पर यह घोषणा की.
अब खो-खो को एशियाई इंडोर गेम्स में प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिल किया जाएगा. एशियाई ओलंपिक परिषद के अनुसार, साल 2028 के ओलम्पिक में खो-खो को प्रदर्शनी खेल के रूप में लाया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि खो-खो साल 1936 के बर्लिन ओलम्पिक में प्रदर्शनी खेल के रूप में खेला गया था. मौजूदा समय में विश्व के 20 देश खो-खो खेलते हैं.
आईपीएल में 100 मैचों में कप्तानी करने वाले तीसरे खिलाड़ी बने विराट कोहली
राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध मैच में जयपुर में 02 अप्रैल 2019 को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली आईपीएल इतिहास में 100 मैचों में कप्तानी करने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए. कोहली की कप्तानी में बैंगलोर टीम को 44 में जीत, 50 में हार और 2 मैच टाई रहे थे जबकि 3 मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला था.
हालांकि, उनसे पहले ये कारनामा सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर ने किया है. महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल में बतौर कप्तान 162 मैच, वहीं गौतम गंभीर ने 129 मैच खेले हैं. विराट कोहली आईपीएल में 5000 से ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं.
सेना ने सिंधु नदी पर बनाया सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज
भारतीय सेना ने लेह (जम्मू-कश्मीर) में 40 दिन में सिंधु नदी पर सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज बनाया है. इसे 'मैत्री ब्रिज' नाम दिया गया है. यह ब्रिज इलाके में सेना और नागरिकों के बीच संबंधों का प्रतीक है. कारगिल विजय दिवस के 20 साल होने के मौके पर 01 अप्रैल 2019 को लद्दाख के पूर्व सैनिकों ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया.
प्रशासन ने नदी पार स्थित गांवों के लोगों की परेशानियों को देखते हुए सेना से पुल बनाने का आग्रह किया था. इस मौके पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लेह की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा, सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद थे.
यह ब्रिज 260 फीट लंबा हैं. मैत्री पुल के बनने से लद्दाख के लोगों को बड़ी राहत मिली है. इस पुल को बनाने में करीब 500 टन उपकरण और निर्माण सामग्री यहां लाई गई.
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