प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है. इसमें आज संविधान की प्रस्तावना और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से संबंधित जानकारी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है.
26 जनवरी से स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाना अनिवार्य: महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र में 26 जनवरी 2020 से सभी स्कूलों में प्रतिदिन सुबह संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य रूप से किया जाएगा. महाराष्ट्र के स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ प्रत्येक दिन सुबह की प्रार्थना के बाद किया जायेगा. राज्य सरकार के एक सर्कुलर में कहा गया है कि प्रस्तावना का पाठ संविधान की संप्रभुत्ता, सबका कल्याण अभियान का हिस्सा है.
यह सरकार का काफी पुराना प्रस्ताव है. सरकार ने इस मामले में साल 2013 के फरवरी माह में परिपत्र जारी किया था. संविधान की प्रस्तावना के अतिरिक्त राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा की पढ़ाई कराना भी अनिवार्य होगा.
तेलंगाना नगरपालिका चुनावों में होगा फेस रिकग्निशन एप का इस्तेमाल
तेलंगाना स्टेट इलेक्शन कमीशन द्वारा नगरपालिका चुनावों के दौरान चेहरा पहचानने वाले मोबाइल एप (Face Recognition App) का उपयोग किये जाने की घोषणा की गई. इसका इस्तेमाल दस चयनित पोलिंग स्टेशंस पर पायलट के तौर पर किया जाएगा.
अगर इसका कोई नकारात्मक परिणाम सामने आता है तो मतदाता अपने मताधिकारक से वंचित नहीं होगा तथा इसके बाद वोटर का डाटा डिलीट कर दिया जाएगा. चयनित स्थानों को छोड़कर मतदाताओं की प्रमाणिकता जांचने हेतु पुराने तरीकों का ही उपयोग किया जाएगा.
अमेरिका में पहली बार सिखों की जातीय समूह के रूप में गणना होगी
अमेरिका में साल 2020 की जनगणना में पहली बार सिखों की गणना एक अलग जातीय समूह के तौर पर की जाएगी. इससे अमेरिका में केवल सिखों के लिए ही नहीं, अन्य अल्पसंख्यक जातीय समूहों की अलग गणना का रास्ता खुलेगा. यूनाइटेड सिख के अनुसार अमेरिका में सिखों की संख्या लगभग दस लाख है.
अमेरिका के अतिरिक्त ब्रिटेन में भी सिखों ने एक अलग जातीय समूह के रूप में शामिल किये जाने की मांग की है. नवंबर 2019 में ब्रिटेन में सिख समुदाय सरकार के खिलाफ न्यायालय की शरण में गया क्योंकि उन्हें एक अलग जातीय समूह के रूप में पहचान नहीं दी गई. यह अमेरिकी सरकार में सिखों का समान तथा सटीक प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करेगा.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार: राष्ट्रपति कोविंद ने 22 बच्चों को किया सम्मानित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में देश भर के 22 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया. भारतीय बाल कल्याण परिषद ने इन पुरस्कारों की घोषणा की थी. वीरता पुरस्कार प्राप्त किए 22 बच्चों में 10 लड़कियां और 12 लड़के शामिल हैं. यह पुरस्कार एक बच्चे को मरणोपरांत दिया गया.
भारतीय बाल कल्याण परिषद ने साल 1957 में ये पुरस्कार शुरु किये थे. पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है. सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है. ये बहादुर बच्चे 26 जनवरी के दिन हाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित होते हैं.
CAA पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को कहा कि वे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार का पक्ष जाने बगैर कानून पर रोक नहीं लगा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हेतु पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगा.
कोर्ट ने नागरिता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है और कहा है कि अब अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं को किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देने संबंधी आदेश 04 हफ्ते बाद ही जारी किया जाएगा.
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