जागरणजोश.कॉम पाठकों की सुविधा हेतु प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत कर रहा है.
एक देश, एक राशन कार्ड योजना का शुभारंभ
• खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान द्वारा आज ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना का शुभारंभ किया गया. यह योजना अगले वर्ष 1 जून से पूरे देश में लागू हो जाएगी.
• वर्ष 2020 में एक जून से किसी भी राज्य का व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से राशन ले सकता है. आज से महाराष्ट्र और गुजरात तथा आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगना के लाभार्थी इन दोनों राज्यों के किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से राशन ले सकते हैं.
• एक देश एक राशन कार्ड योजना के तहत तेलंगना, पंजाब, हरियाणा, केरल, राजस्थान, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और त्रिपुरा राज्यों की वितरण प्रणाली को आपस में जोड़ा जायेगा क्योंकि यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है.
विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया
• विश्वभर में प्रत्येक वर्ष की भांति 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया. इस वर्ष के आदिवासी दिवस का विषय है – स्वदेशी भाषाएं.
• संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक विश्व भर के 90 देशों में लगभग 370 मिलियन आदिवासी लोग रहते हैं.
• यह लोग विश्व की लुप्तप्राय 7,000 भाषाओँ का प्रतिनिधित्व करते हैं और 5,000 विभिन्न संस्कृतियों से संबंध रखते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आईबीसी में संशोधन को वैध ठहराया
• सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवालिया एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में सरकार द्वारा किये गये संशोधन को वैध ठहराया है. फैसले के पक्ष में कहा गया है कि इससे बिल्डरों के अधिकारों का हनन नहीं होता है.
• न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने संहिता के संशोधनों को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया है.
• उच्चतम न्यायालय ने लगभग 180 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए घर खरीदारों को फाइनेंशियल क्रेडिटर्स का दर्जा दिया है. इससे पहले याचिका दायर करते हुए रियल एस्टेट कंपनियों द्वारा सरकार द्वारा आईबीसी संशोधन को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया गया था.
चीन सीमा के समीप स्थित अंतिम गाँव बनेगा ‘हेरिटेज विलेज’
• उत्तराखंड स्थित चमोली जिले के माणा गाँव को हेरिटेज विलेज बनाया जायेगा जिसके लिए चार करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है.
• माणा गाँव को बतौर हेरिटेज विलेज बनाने के लिए यहां म्यूजियम, एंपीथियेटर और पार्किंग एवं ऑडीटोरियम आदि का निर्माण किया जायेगा.
• यह गाँव एक समय में भारत और तिब्बत के मध्य व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था. यहां के स्थानीय लोग ऊनी वस्त्र, गलीचे, कालीन, दन, शॉल, पंखी आदि हाथों से तैयार करते हैं.
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