प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है. इसमें आज कोरोना वायरस और प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायिका शांति हीरानंद चावला से संबंधित जानकारी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है.
प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायिका शांति हीरानंद चावला का निधन
मशहूर शास्त्रीय संगीत गायिका और पद्मश्री से सम्मानित शांति हीरानंद चावला का हाल ही में निधन हो गया है. वे 87 साल की थीं. उन्होंने गुरुग्राम स्थित एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. शांति हीरानंद चावला का जन्म वर्ष 1932 को ब्रिटिश भारत में लखनऊ (मौजूदा उत्तर प्रदेश) में हुआ था. गौरतलब है कि शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में शांति हीरानंद काफी प्रसिद्ध थीं.
शांति हीरानंद ने संगीत के अलावा गजल में भी काफी नाम कमाया था. उन्होंने ठुमरी, दादरा और गज़ल जैसी विधाओं में बेगम अख्तर से शिक्षा हासिल की थी. शांति हीरानंद चावला ने "बेगम अख्तर: द स्टोरी ऑफ माय अम्मी" नामक एक पुस्तक भी लिखी थी. इस पुस्तक में शांति हीरानंद चावला द्वारा उनकी गुरु, बेगम अख्तर के साथ उनकी यात्रा का वृतांत प्रस्तुत किया गया है. शांति हीरानंद चावला को वर्ष 2007 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
चेल्सी के पूर्व गोलकीपर पीटर बोनेटी का निधन
'द कैट' नाम से मशहूर चेल्सी और इंग्लैंड के पूर्व गोल्कीपर पीटर बोनेटी का हाल ही में निधन हो गया है. पीटर पिछले काफी लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने 1960-75 और 1977-79 तक दो सत्रों के साथ लंदन क्लब के लिए 729 मैचों में 208 गोल रोके. वे महान खिलाड़ियों में से एक थे.
बोनेटी ने इंग्लैंड के लिए सात मैच खेले जिसमें 1970 विश्व कप फाइनल भी शामिल था. वे साल 1966 के विश्व कप विजेता टीम में थे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था. पीटर ने जून 2009 में विजेता का पदक प्राप्त किया.
अंतरराष्ट्रीय मानव उड़ान दिवस मनाया गया
12 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मानव उड़ान दिवस मनाया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2011 में 12 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस के रूप में घोषित किया था. 12 अप्रैल 1961 को पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान रूसी कॉस्मोनॉट यूरी गगारिन ने भरी थी.
इस ऐतिहासिक घटना ने सभी मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष की खोज का रास्ता खोल दिया. बाह्य अंतरिक्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
प्रधानमंत्री ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट संदेश में कहा कि मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिनकी आज के दिन जलियांवाला बाग में नृशंस हत्या की गई थी. हम उनके साहस और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे. आज ही के दिन 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व पर पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी सैनिकों ने गोलियां चलाकर बूढ़ों, महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था. इस गोलीकांड में कई लोग घायल भी हो गए थे.
जलियांवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक छोटा सा बगीचा है. 13 अप्रैल 1919 की तारीख आज भी विश्व के बड़े नरसंहारों में से एक के रूप में दर्ज है. जलियांवाला बाग के गेट का रास्ता संकरा था और यहां सिपाही भर चुके थे. जान बचाने के लिए कई औरतें बच्चों के साथ कुएं में कूद गईं. ब्रिटिश सरकार की क्रूरता गोलियों के निशान के रूप में बाग की दीवारों पर आज तक मौजूद हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने लॉन्च किया 'YUKTI' पोर्टल
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने हाल ही में एक वेब-पोर्टल YUKTI (यंग इंडिया कॉम्बेटिंग कोविड विद नॉलेज, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन) लॉन्च किया है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह MHRD के प्रयासों और पहल को मॉनिटर और रिकॉर्ड करने के लिए एक यूनीक पोर्टल और डैशबोर्ड है. ये पोर्टल कोविड-19 की विभिन्न चुनौतियों को संपूर्ण और व्यापक तरीके से कवर करेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए हमारा प्राथमिक उद्देश्य सबसे पहले हमारी एकेडमिक कम्युनिटी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखना है और स्टूडेंट्स के लिए हाई क्वालिटी लर्निंग एनवायरमेंट बनाना है. ये पोर्टल बड़े पैमाने पर एकेडमिक कम्युनिटी को बेहतरीन सर्विस देने के लिए क्वालिटेटिव और क्वांटिटेटिव पेरामिटर्स को कवर करेगा.
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