प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है. इसमें आज कोरोना वायरस और पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से संबंधित जानकारी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है.
आईएमएफ के बाहरी सलाहकार समूह के सदस्य बने रघुराम राजन
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के बाहरी सलाहकार समूह का सदस्य बनाया गया है. आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि राजन तथा 11 अन्य अर्थशास्त्रियों को बाहरी सलाहकार समूह का सदस्य बनाया गया है. ये सलाहकार कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को लेकर उठाए जाने वाले कदमों समेत दुनियाभर में हो रहे बदलाव तथा नीतिगत मुद्दों पर अपनी राय आईएमएफ प्रमुख को देंगे.
रघुराम राजन सितंबर 2016 तक तीन साल तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं. वे अभी शिकागो विश्वविद्यालय में प्रफेसर हैं. आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों से पहले ही उसके सदस्य देश तेजी से बदलती दुनिया तथा जटिल नीतिगत मुद्दों का सामना कर रहे थे.
पर्यटन मंत्रालय ने "देखोअपनादेश" वेबिनार श्रृंखला की शुरूआत की
पर्यटन मंत्रालय ने 14 अप्रैल 2020 से अपनी ‘देखोअपनादेश’ नामक वेबिनार श्रृंखला की शुरूआत की है जिससे हमारे अतुल्य भारत की संस्कृति और विरासत की गहरी और विस्तृत जानकारी प्रदान की जा सके. पहली वेबिनार, जो एक श्रृंखला का हिस्सा थी और प्रकाशित हुई, इसने दिल्ली के लंबे इतिहास को छूआ और यह 8 शहरों के रूप में सामने आया. प्रत्येक का चरित्र अपने आप में अद्वितीय था और जिसने अपने पीछे अवशेषों को छोड़ा, जिसके कारण दिल्ली एक शानदार शहर बना, जो कि वह आज है.
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि वेबिनारों की श्रृंखला एक निरंतर विशिष्टता वाली होगी और मंत्रालय अपने स्मारकों, पाक शैलियों, कलाओं, नृत्य के रूपों सहित भारत के विविध और उल्लेखनीय इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने की दिशा में काम करेगा, जिसमें प्राकृतिक परिदृश्य, त्योहार और समृद्ध भारतीय सभ्यता के कई अन्य पहलू भी शामिल हैं. इस सत्र का मूल पर्यटन जागरूकता और सामाजिक इतिहास पर आधारित है.
डीआरडीओ ने कोविड-19 नमूना संग्रहण के लिए कियोस्क विकसित किया
रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद ने कोविड नमूना संग्रह कियोस्क (कोवसैक/COVSACK) विकसित करके कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सूची में एक और उत्पाद शामिल कर दिया. डीआरडीएल ने इस यूनिट को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), हैदराबाद के डॉक्टरों के परामर्श से विकसित किया है.
कोवसैक/COVSACK संदिग्ध संक्रमित रोगियों से कोविड-19 नमूने लेने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के उपयोग हेतु एक कियोस्क है. कोविड परीक्षण के लिए कियोस्क में अंदर प्रवेश करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य कर्मी दस्ताने के माध्यम से बाहर से ही एक फोहे में नाक या मुँह से सैंपल/सवैब ले सकता है. कोवसैक/COVSACK की लागत लगभग एक लाख रुपये है और कर्नाटक के बेलगाम स्थित चिन्हित उद्योग प्रतिदिन इसकी 10 इकाइयों मुहैया कर सकता है.
ईएसआईसी ने ईएसआई अंशदान जमा करने की समय-सीमा को आगे बढ़ाया
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण देश बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपट रहा है. कई संस्थान अस्थायी रूप से बंद हो चुके हैं और श्रमिक काम करने में असमर्थ हैं. केंद्र सरकार द्वारा व्यवसायिक संस्थाओं और श्रमिकों को प्रदान की जा रही राहत उपायों के अनुरूप, कोविड-19 से लड़ाई में अपने चिकित्सा संसाधनों को मजबूत करने के अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा अपने हितधारकों, विशेषकर नियोक्ताओं और बीमित व्यक्तियों के लिए राहत उपायों को लागू किया जा रहा है.
राहत उपाय के रूप में फरवरी और मार्च महीने के लिए, ईएसआई अंशदान जमा करने की समय-सीमा को पहले 15 अप्रैल और 15 मई तक बढ़ा दी गई थी. अब, नियोक्ताओं द्वारा उठाई जा रही कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए, फरवरी महीने के लिए ईएसआई अंशदान जमा करने की अवधि को पहले विस्तारित की गई अवधि यानी 15 अप्रैल से 15 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ औद्योगिक गतिविधियों को दी अनुमति
केंद्र सरकार ने बढ़ाए गए लॉकडाउन के बीच 20 अप्रैल के बाद ग्रामीण इलाकों में कुछ औद्योगिक गतिविधियां दोबारा शुरू करने की अनुमति दी है. केंद्र सरकार ने कृषि गतिविधियों, सड़कों व इमारतों के निर्माण, सिंचाई परियोजनाओं को भी अनुमति दी जिससे 'ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति' मिल सके. बतौर सरकार, मनरेगा के तहत सिंचाई व जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता मिलेगी.
केंद्र सरकार ने अबतक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की अनुमति नहीं दी है. उसने कहा कि इसके अलावा सड़क निर्माण और औद्योगिक संकुलों में परियोजनाओं पर काम शुरू करने की अनुमति दी गयी है. इससे भी ईंधन की खपत बढ़ेगी. दुनिया के सबसे बड़े बंद से धीरे-धीरे बाहर निकलने तथा अटकी पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सरकार ने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों, किसानों तथा उद्योगों को ग्रामीण क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद कामकाज शुरू करने की अनुमति दे दी है.
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