केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से तैयार की गई मोबाइल लैब का 23 अप्रैल 2020 को उद्घाटन किया है. इस लैब का नाम 'मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स' है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है. इस मोबाइल लैब की खास बात ये है कि इसमें हर रोज एक से दो हजार नमूनों की स्क्रीनिंग की क्षमता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लैब का उद्घाटन करते हुए कहा कि डीआरडीओ की इस बात के लिए काफी तारीफ की जानी चाहिए कि महज 15 दिन में बायो सेफ्टी लेवल 2 और लेवल 3 के लैब की शुरुआत कर दी गई. ऐसी लैब तैयार करने में लगभग छह माह का समय लगता है लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए इसे 15 दिन में ही बनाया गया.
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा सही समय पर कई फैसले लिए गए हैं, जिसके कारण देश में कोविड-19 का प्रसार कई अन्य देशों की तुलना में बहुत कम हुआ है. इससे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश की क्षमता बढ़ेगी.
देश में अपनी तरह की ये पहली लैब
कोरोना वायरस की जांच के लिए देश में अपनी तरह की ये पहली लैब तैयार की गई है. देश की इस पहली मोबाइल लैब को सिर्फ 15 दिन में तैयार किया गया है. डीआरडीओ ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग और इस पर रिसर्च के लिए यह लैब तैयार की है.
यह ऐसा पहला मोबाइल वायरल अनुसंधान प्रयोगशाला (एमवीआरएल) है, जिससे कोविड-19 की स्क्रीनिंग और इससे संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में तेजी आएगी. इसे डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रिसर्च सेंटर इमारात (आरटीआई) ने ईएसआईसी अस्पताल, हैदराबाद के साथ मिलकर तैयार किया है.
कोरोना का कहर
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 23 अप्रैल 2020 को देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 21393 हो गई है और 681 लोगों की मौत हुई है. देश में इस समय 16454 एक्टिव केस हैं, वहीं 4258 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. दुनिया में इस वायरस से पीड़ितों की संख्या अब 26 लाख को पार कर गई है.
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