रक्षा मंत्रालय ने 5000 करोड़ रुपये की AK-203 असॉल्ट राइफल सौदे को मंजूरी दी

Nov 24, 2021, 10:57 IST

एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifle) को भारत और रूस मिलकर बनाएंगे. यह एके सीरीज की सबसे आधुनिक और घातक राइफल है. जो कंपनी इसे अमेठी में बनाएगी उसका नाम इंडो-रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) है.

Defence Ministry clears Rs 5000 crore AK-203 assault rifle deal
Defence Ministry clears Rs 5000 crore AK-203 assault rifle deal

रक्षा मंत्रालय ने रूस के साथ 5 हजार करोड़ रुपये के एके-203 असॉल्ट राइफल सौदे को मंजूरी दे दी है. इस सौदे के तहत साढ़े सात लाख राइफलों का उत्पादन उत्तर प्रदेश के अमेठी की एक फैक्टरी में होगा. एके 203 राइफल सौदे पर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के दौरे के समय हस्ताक्षर होने हैं. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 23 नवंबर 2021 को इस सौदे को मंजूरी दी है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले महीने भारत आने की उम्मीद है. भारत की रक्षा ताकत के लिहाज से इसे बेहद महत्‍वपूर्ण समझा जा रहा है. इसके तहत 7.5 लाख AK-203 राइफल का निर्माण रूसी रक्षा कंपनियों द्वारा भारत के 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत उत्‍तर प्रदेश के अमेठी में किया जाना है. भारत और रूस इस डील पर कुछ साल पहले ही सहमत हो गए थे.

इसके पहले रूस से लगभग 70 हजार से 1 लाख असॉल्ट राइफल्स, पार्ट्स और टेक्नोलॉजी भारत आएगी. फैक्ट्री लगने के 32 महीने बाद से सेना को राइफल मिलनी शुरू होंगी. दोनों पक्षों ने पिछले साल राजनाथ सिंह की मास्को यात्रा के समझौते को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. संयुक्त उपक्रम द्वारा एके 203 कलाशनिकोव राइफलों के निर्यात की संभावना तलाशने की भी उम्मीद है.

AK-203 असॉल्ट राइफल की खासियत

एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifle) को भारत और रूस मिलकर बनाएंगे. यह एके सीरीज की सबसे आधुनिक और घातक राइफल है. जो कंपनी इसे अमेठी में बनाएगी उसका नाम इंडो-रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) है.

यह राइफल भारतीय सेना द्वारा कई दशकों से उपयोग में लाई जा रही इंसास (INSAS) राइफल्स की जगह लेगी. भारतीय सेना को 7.50 लाख AK-203 असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है.

भारत और रूस में इस राइफल को लेकर जो डील हुई है, इसमें साफ-साफ कहा गया है कि 70 हजार से 1 लाख राइफल रूस से मंगाए जाएंगे. उनके पार्ट्स आएंगे. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होगी. बाकी की 6.50 लाख राइफल्स अमेठी में बनाई जाएंगी. इससे फायदा यह होगा कि भविष्य में इसी फैक्ट्री में यह राइफल बनाई जा सकेगी.

इस राइफल का पहला प्रोटोटाइप साल 2007 में AK-200 के नाम से आया था. इस राइफल को एके-200 सीरीज में रखा जाता है. एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifle) इंसास राइफल की तुलना में छोटी, हल्की और घातक है.

इंसास राइफल बिना मैगजीन और बेयोनेट के भी 4.15 किलोग्राम वजन की है. जबकि, AK-203 का वजन 3.8 किलोग्राम है. इंसास राइफल की लंबाई 960 मिलीमीटर है, जबकि, एके-203 मात्र 705 मिलिमीटर की है.

एके-203 असॉल्ट राइफल में 7.62x39mm की बुलेट्स लगती हैं, जो इसे ज्यादा घातक बनाती हैं. जबकि इंसास में 5.56x45mm की बुलेट्स लगती हैं. इंसास की रेंज 400 मीटर है, जबकि AK-203 असॉल्ट राइफल की रेंज 800 मीटर है. यानी काफी दूर से दुश्मन को मार गिराया जा सकता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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