दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2018 को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. मनीष सिसोदिया ने 53 हजार करोड़ का बजट पेश किया. पिछले 3 साल में बजट 30,900 करोड़ से बढ़कर 53 हजार करोड़ तक पहुंच गया.
दिल्ली सरकार का यह पहला 'ग्रीन बजट' है. 'स्व्च्छ और प्रदूषण रहित दिल्ली का संकल्प' सरकार के बजट में भी दिखा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का उपाय भी बताया और कहा कि राजधानी को साफ सुथरा बनाना सरकार का लक्ष्य है.
इस बजट में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग का खास ख्याल रखा है. बजट के दौरान सरकार ने प्रदूषण कम करने के कदमों और सभी योजनाओं के लिए स्वास्थ्य बीमा कराने जैसे बड़े कदमों की भी घोषणा की. इससे पहले सिसोदिया ने सदन में आर्थिक सर्वे पेश किया था.
बजट से संबंधित मुख्य तथ्य:
• सरकार इस साल 1000 इलेक्ट्रिक बसें लेकर आने की तैयारी में है. इसके लिए 405 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
• ऊर्जा के लिए 2190 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सरकार सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के 1000 मेगावाट खरीदेगी. हर विभागों के बिजली खपत का ऑडिट किया जाएगा.
• साल 2018- 19 के लिए शिक्षा बजट 13997 करोड़ है जो कुल बजट का 26 % है. पिछले साल शिक्षा बजट कुल बजट का 23% था.
• स्वास्थ्य के लिए 6729 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. वहीं स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए 100 करोड़ का बजट रखा गया है. नशे की रोकथाम के लिए 1 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.
• मोहल्ला क्लीनिक के लिए 403 करोड़ रुपए दिए गए.
• दिल्ली में वाईफाई के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है.
• बसों की पार्किंग के लिए 7 डिपो तैयार किए जाएंगे इसके लिए 80 करोड़ के बजट का प्रस्ताव रखा गया है.
• नगर निगम को इस साल बजट का 13 फीसदी आवंटन, सड़कों की मरम्मत के लिए 1,000 करोड़ का बजट अलग से किया गया है.
• वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा नाम के कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसमें 53 करोड़ का प्रावधान रखा गया है.
• आवास और शहरी विकास के लिए 3,106 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बजट 2018-19 की प्रमुख घोषणाएं:
• इस बजट में जून 2018 से स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने और शहर में 1.2 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने पर फोकस किया गया है.
• वर्ष 2019 से सरकार दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया पाठ्यक्रम हैप्पीनेस करिकुलम के नाम से शुरू करने जा रही है.
• किराड़ी, बवाना, मुडंका समेत 162 कॉलोनियों में अंतर सीवर लगाने की योजना.
• सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, पहले आओ पहले पाओ के तहत 2 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
• दिल्ली में 13 नई भाषा अकादमी खोली जाएगी.
• पहली से आठवीं क्लास के बच्चों के लिए मिशन बुनियाद की शुरूआत की जाएगी.
• अध्यापकों को हर महीने लिस्ट ना बनानी पड़े इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें टैब दिए जाएंगे. इन टैब का इस्तेमाल अध्यपकों की ट्रेनिंग के लिए भी किया जाएगा.
• डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अस्पतालों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा.
• खिलाड़ियों के लिए 'खेलो और तरक्की करो' और मिशन एक्सिलेंस योजना लाई जाएगी.
• कला और संस्कृति को प्रोत्साहन के लिए अंग्रेजी समेत 13 नई एकेडमी की शुरुआत होगी.
• दिल्ली में 25 नए विश्वस्तरीय स्किल सेंटर खोले जायेगें.
• सबके लिए स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
• दिल्ली सरकार और निगम के छात्रों के लिए मिशन बुनियाद के नाम से नया कार्यक्रम शुरू करने की योजना है.
• सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की विशेष कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
ग्रीन बजट:
दिल्ली सरकार ने इस बार के बजट में पर्यावरण का खास ध्यान रखा है. ये देश का पहला ग्रीन बजट है. ग्रीन बजट के लिए 26 सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाएगा. सरकार का कहना है कि पर्यावरण से लड़ने के लिए समस्या का पता होना ज़रूरी है.
सरकार की योजना अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने की है. बजट में 7.93 लाख पौधे डिवाइडर के पास लगाने की योजना बनाई गई है. बजट में नए शहरी जंगल बसाने की योजना है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली के रेस्टोरेंट में कोयला तंदूर के इस्तेमाल कम करने की योजना बनाई है. इसके लिए इलेक्ट्रिक तंदूर के लिए 5 हज़ार रुपए अनुदान देने का स्कीम है.
पृष्ठभूमि:
इस साल का बजट 53,000 करोड़ रुपए का है. आगामी वित्त वर्ष का बजट 2017-18 के संशोधित अनुमान 44370 करोड रुपए की तुलना में 19.45 प्रतिशत अधिक है. साल 2014-15 में दिल्ली सरकार का बजट 30940 करोड़ रूपया था, जबकि 2011-12 का बजट 26,402 करोड़ रुपये का था. प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार सीएनजी वाली गाड़ियों को भी बढ़ावा दे रही है.
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