दिल्ली सरकार ने दुर्घटना शिकार नीति शुरू करने का निर्णय लिया है जिसमें सड़क दुर्घटनाओं, एसिड हमलों या जलने के शिकार लोगों के अस्पताल के खर्चों को कवर किया जाएगा.
सरकार के अनुसार, सभी पीड़ितों को चाहे वो दिल्ली से हो या नहीं और यहां तक कि विदेशियों को भी, यदि दुर्घटना राजधानी में होती है, दिल्ली के किसी भी अस्पताल, सरकारी या निजी अस्पताल में नि: शुल्क इलाज का अधिकार होगा और इसके लागत की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी.
हालांकि, प्रस्तावित योजना ‘दुर्घटना शिकार नीति’ को लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
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इस योजना के मुख्य बिंदु
इसका उद्देश्य यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बचाना है. इस योजना के माध्यम से, पीड़ितों को दुर्घटना स्थल के करीब किसी भी निजी अस्पताल ले जाया जा सकता है.
निजी अस्पताल ऐसे मरीजों या उपचार के लिए उनके रिश्तेदारों से किसी भी पैसे की मांग नहीं करेंगे.
निजी अस्पतालों को पीडि़तों के रिकॉर्ड रखने के लिए कहा जाएगा ताकि वे सत्यापन के बाद दिल्ली सरकार इसकी प्रतिपूर्ति कर सकें.
इस योजना के मार्फ़त निजी अस्पताल किसी भी मरीज़ को ना नहीं कह सकता है चाहे वो कितना ही गरीब क्यों न हो.
पृष्ठभूमि
दिल्ली सरकार के अनुसार, हर साल दिल्ली की सड़कों पर 8,000 दुर्घटनाएं होती हैं, और लगभग 1600 लोग मरे जाते हैं.
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