डेनमार्क ने 13 अप्रैल 2021 को घोषणा किया है कि वह कोविड-19 वैक्सीन AstraZeneca के उपयोग को पूरी तरह से रोक देगा. साइड इफेक्ट के संदेह के चलते AstraZeneca वैक्सीन पर रोक लगाने वाला डेनमार्क, यूरोप का पहला देश है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूरोपीय मेडिसिन्स की नियामक इकाई की ओर से वैक्सीन के पक्ष में राय जताए जाने के बाद भी डेनमार्क ने यह फैसला किया है. हेल्थ अथॉरिटी डायरेक्टर सोरेन ब्रोस्ट्रॉम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डेनमार्क का टीकाकरण अभियान अब AstraZeneca वैक्सीन के बिना आगे बढ़ेगा.
वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की कुछ शिकायत
डेनमार्क यूरोप का पहला देश था जिसने अपने टीकाकरण प्रोग्राम से AstraZeneca वैक्सीन के उपयोग को सस्पेंड किया था. वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की कुछ शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया था. डेनमार्क ने ब्लड क्लॉटिंग के कुछ मामलों के बाद एस्ट्राजेनेका के इस्तेमाल पर सबसे पहले रोक लगाई थी.
डेनमार्क के स्वास्थ्य अधिकारी ने क्या कहा?
डेनमार्क के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है. अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा गया है कि वैक्सीन और रक्त के थक्के जमने की बीच कोई संबंध है. बाद में फ्रांस, नॉर्वे और जर्मनी सहित करीब एक दर्जन देशों ने AstraZeneca वैक्सीन के उपयोग को अस्थायी तौर पर सस्पेंड किया था.
यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने क्या कहा?
हालांकि यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) की तरफ वे वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताए जाने के बाद ज्यादातर देशों ने इस वैक्सीन का फिर से उपयोग करना प्रारंभ कर दिया था. हालांकि डेनमार्क ने AstraZeneca का उपयोग बंद ही रखा था और इस संबंध में अपनी तरफ से जांच की थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation