DRDO ने पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट प्रणाली का सफल परीक्षण किया

पिनाक को पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट, आरसीआई और हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी ने मिलकर तैयार किया है.

Mar 12, 2019, 09:52 IST
DRDO successfully test fires Pinaka
DRDO successfully test fires Pinaka

भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने 11 मार्च 2019 को स्वदेश निर्मित मल्टीबैरल पिनाक रॉकेट प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. यह लंबी दूरी से दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम है.

इस रॉकेट प्रणाली के दो परीक्षण किए गए जो कि पूरी तरह से सफल रहे. डीआरडीओ द्वारा जारी जानकारी के अनुसार हथियार प्रणाली के यह टेस्ट पोखरण रेंज में किए गए. यह हथियार भारतीय सेना की आर्टिलरी में नई जान फूंकने में सक्षम है.

विदित हो कि पिनाक एक मल्टी बैरल रॉकेट है, जिसके प्रारंभिक प्रारूप का विकास वर्ष 1995 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया. पिनाक को प्रारंभिक दौर में दुश्मन की सेना के वायुयान पत्तन (एयर टर्मिनल) एवं संचार केंद्र ध्वस्त करने हेतु विकसित किया गया था, आगे चलकर इसे बहुउद्देशीय रॉकेट प्रणाली के रूप में विकसित किया जा चुका है.

पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट प्रणाली

•    पिनाक को पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट , आरसीआई और हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी ने मिलकर तैयार किया है.

•    यह रॉकेट एडवांस नेवीगेशन तकनीक से लैस है.

•    इसमें पुराने रॉकेट और मिसाइलों के मुकाबले कई नए और बेहतर सिस्टम मौजूद हैं.

•    यह रॉकेट अपने छोटे से छोटे टारगेट को हिट कर सकता है.

•    इस रॉकेट के परीक्षण के दौरान भी लंबी दूरी पर एक छोटा टारगेट रखा गया था.

•    इसके लॉन्च के बाद लगातार निगरानी रखी गई और अंत में रॉकेट ने ठीक टारगेट पर हिट किया.

•    पिनाक की मारक क्षमता किलोमीटर से बढ़कर 70 किलोमीटर हो गई है.

•    डॉ. के. एम. राजन पिनाक रॉकेट के मुख्य डिजाइनर हैं.

डॉ. के. एम. राजन का योगदान

डॉ के.एम. राजन पिनाक रॉकेट के प्रमुख डिजाइनर हैं. डॉ. के.एम.राजन द्वारा बनाये गये पिनाक रॉकेट को भारतीय सेना के लिए एक मील का पत्थर माना जाता है. उनके द्वारा डिजाइन और विकसित विश्व स्तरीय पिनाक सेना की अग्रिम पंक्ति की रक्षा प्रणाली है. अब तक 6000 से अधिक पिनाक रॉकेट सेना को दिए जा चुके हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि सेना को आने वाले समय में 1.9 लाख रॉकेट और 22 एमबीआरएस मिसाइलों की आवश्यकता हो सकती है. उन्होंने 60 किमी की विस्तारित सीमा के साथ पिनाक एमके-2 के विकास को गति के साथ-साथ उल्लेखनीय सटीकता और निरंतरता भी दी है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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