भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की क्षमता बढ़ाते हुए 11 दिसंबर 2021 को एक्सटेंडेड वर्ज़न पिनाका-ईआर का सफल परीक्षण किया. इस टेस्ट को ओडिशा के तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर), चांदीपुर में आयोजित किया गया.
इस परीक्षण के सफल होने के बाद यह स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है. डीआरडीओ ने इसे पुणे के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) और हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटी(एचईएमआरएल) के साथ मिलकर डिजाइन किया है.
#WATCH | Extended Range Pinaka (Pinaka-ER) Multi Barrel Rocket Launcher System successfully tested at Pokhran Range. The system is designed by DRDO Laboratory ARDE along with HEMRL, Pune, the technology has been transferred to the Indian industry.
— ANI (@ANI) December 11, 2021
(Source: DRDO) pic.twitter.com/DPXoaB7xpi
पिनाक का उन्नत संस्करण
इस तकनीकी को भारतीय उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित भी कर दिया गया है. पिनाका- ईआर, पिछले एक दशक से सेना में सेवा दे रही पिनाका का उन्नत संस्करण है. इस प्रणाली को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.
पिनाका पहले 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने वाला मिसाइल लॉन्चर सिस्टम था. इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक थी, लेकिन अपग्रेड होने के बाद यह 44 सेकेंड में ताबड़तोड़ 72 रॉकेट दाग सकता है. पिनाका 75 किलोमीटर दूरी तक सटीक निशाना लगा सकने में भी सक्षम है.
पिनाका के बारे में
पिनाका भारत में उत्पादित एक बहुखंडीय रॉकेट लांचर है. यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है. पिनाका का विकास दिसंबर 1986 में शुरू हुआ था. इसकी आधुनिक तकनीक की वजह से इसकी सटीक निशाना लगाने की क्षमता एवं विध्वंसक क्षमता अधिक होती है.
पिनाका मिसाइल प्रणाली 75 किमी दूरी तक उच्च सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में हमला करने में सक्षम है. अब इसे और ज्यादा दूरी पर सटीक से सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाया जा रहा है. भारतीय सेना ने साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पिनाका मार्क-1 संस्करण का उपयोग किया था. भारतीय सेना ने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था.
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