भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) पर आधारित आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक ने यह भी रेखांकित किया कि इसके घटने-बढ़ने की संभावना बराबर-बराबर है. आरबीआई के अनुसार मुख्य मुद्रास्फीति वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में 2.0 से 3.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 3.5 से 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2016-17 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि मुख्य रूप से निवेश, विनिर्माण और व्यापार में चक्रीय सुधार से 2017-18 में वैश्वकि वृद्धि गति पकड़ रही है. अनुकूल घरेलू स्थिति से वर्ष के दौरान आर्थिक गतिविधियों में कुल मिलाकर तेजी की उम्मीद है.
रिपोर्ट के अनुसार मानसून सामान्य रहने और इसके परिणामस्वरूप जलाशयों के दोबारा से भरने और न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा फसल बीमा का दायरा बढ़ाने समेत सरकार की नीतिगत पहल से फसल उत्पादन में वृद्धि और ग्रामीण मांग को मदद मिलने की उम्मीद है.
आरबीआई ने कहा की कुल मिलाकर जीवीए वृद्धि दर वर्ष 2016-17 के 6.6 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 7.3 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. इसमें यह भी कहा गया है कि वर्ष 2017-18 के लिये शुरूआती संकेत आईआईपी पर आधारित है और आठ बुनियादी उद्योग के प्रदर्शन औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती को बताता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की जीएसटी के क्रियान्वयन के मद्देनजर विनिर्माण क्षेत्र के लिये संभावना अनिश्चित बनी हुई है. हालांकि सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है. नये नोटों को लगातार चलन में आने से खासकर नकद गहन क्षेत्रों में उपभोक्ता व्यय में वृद्धि होनी चाहिए.
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