केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2017 को संसद में बजट पेश किया जायेगा. बजट से एक दिन पूर्व प्रत्येक वर्ष आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण द्वारा देश में आर्थिक स्थिति की जानकारी देता है.
बजट में आगामी वर्ष के लिए प्रावधान होते हैं जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले वर्ष का आर्थिक ब्यौरा दिया गया होता है. आर्थिक सर्वेक्षण में देश में अर्थव्यवस्था की तस्वीर का पता चलता है तथा आगामी बजट की झलक भी मिलती है.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है
• यह सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की समीक्षा प्रस्तुत करती है. यह एक वार्षिक दस्तावेज़ है जिसे बजट से एक दिन पूर्व पेश किया जाता है.
• पिछले एक वर्ष में देश में हुए विकास, निवेश तथा योजनाओं एवं इसके क्रियान्वयन आदि के बारे में जानकारी दी जाती है.
• सरकार ने किस क्षेत्र के लिए विकास योजना बनाई तथा उस पर कितना कार्य हुआ यह आर्थिक समीक्षा में बताया जाता है.
• अर्थव्यवस्था को योजनाओं से हुआ लाभ तथा किन क्षेत्रों को हानि के चलते परिवर्तित अथवा स्थगित करना पड़ा, उसकी भी जानकारी दी जाती है.
• आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के पूर्वानुमान और नीतिगत स्तर पर की चुनौतियों पर विस्तृत जानकारी दी जाती है.
• किस सेक्टर में कैसी स्थिती है तथा उस क्षेत्र में सुधार हेतु और क्या किया जायेगा इसकी रूपरेखा भी बताई जाती है.
• आर्थिक सर्वेक्षण में छोटी अवधि से लेकर मध्यावधि तक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं गिनवाई जाती हैं.
उपयोगिता
आर्थिक सर्वेक्षण को बजट का आधार माना जाता है लेकिन सरकार इसमें पेश सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं होती. आर्थिक सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय में आर्थिक विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार किया जाता है. मुख्य आर्थिक सलाहकार इस टीम की अगुवाई करती है. रिपोर्ट तैयार करने में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है. आमतौर इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार करने में कई महीने लगते हैं.
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