आम बजट 2017: सर्विस टैक्स (सेवा कर) में बढ़ोत्तरी की संभावना

Jan 31, 2017, 16:37 IST

1 फरवरी 2017 को प्रस्तावित 'आम बजट 2017' में सर्विस टैक्स (सेवा कर) में बढ़ोत्तरी की संभावना है. सेवा कर की प्रभावी दर वर्तमान में 15% है.

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1 फरवरी 2017 को प्रस्तावित 'आम बजट 2017' में सर्विस टैक्स (सेवा कर) में बढ़ोत्तरी की संभावना है. सेवा कर की प्रभावी दर वर्तमान में 15% है एवं आम बजट 2017 में इसे 16% के आस-पास किया जा सकता है. बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवाकर भले ही 1 अप्रैल 2017 से लागू नहीं हो रहा हो लेकिन सरकार आम बजट 2017 में जीएसटी के लिए जमीन तैयार करने के लिए कदम उठा सकती है. माना जा रहा है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को आम बजट 2017-18 पेश करते हुए सेवा कर की दरों में वृद्धि कर सकते हैं.

प्रस्तावित जीएसटी लागू होने पर सेवाओं को 18% टैक्स की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है, इसीलिए आम बजट में सेवा कर की दर बढ़ाने का विचार है. जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू होगा. इसके लागू होने पर केंद्र सरकार के सेवा कर और उत्पाद शुल्क सहित राज्यों के वैट व कई अन्य परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे. सेवा कर की पांच दरें- 5%, 12%, 18% और 28% प्रस्तावित हैं. सेवाओं को 18% की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है. इसीलिए आम बजट 2017-18 में सेवा कर में वृद्धि के आसार हैं.

विदित हो कि सेवा कर की प्रभावी दर 15 प्रतिशत है जिसमें 0.5 प्रतिशत कृषि कल्याण सैस और 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सैस भी शामिल है. ऐसे में माना जा रहा है कि सेवा कर की प्रभावी दर बढ़ाकर 16 प्रतिशत के आस-पास की जा सकती है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सेवा कर की दो दरें हो सकती हैं. जरूरी सेवाओं पर 12 प्रतिशत जबकि अन्य सेवाओं पर 18 प्रतिशत सेवा कर लगाया सकता है. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं को अधिकांश सेवाओं पर कर लगता है. बजट में ही सेवा कर में वृद्धि का एक फायदा यह होगा कि जब जीएसटी लागू होगा तो कुछ सेवाओं के अचानक महंगा होने पर लोगों को झटका नहीं लगेगा. इसके साथ ही दूसरा विचार यह है कि सेवा कर की दर बढ़ने से सरकार को वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान अधिक राजस्व जुटाने में भी मदद मिलेगी. इस तरह सरकार अतिरिक्त राजस्व जुटाकर विकास दर को बढ़ावा देने के उपायों पर खर्च कर सकेगी.

मुख्य तथ्य:
वर्तमान में सेवा कर एक केंद्रीय कर है. जीएसटी लागू होने पर सेवाओं पर टैक्स केंद्र और राज्यों के बीच बंट जाएगा. सरकार के कुल कर राजस्व का 14 प्रतिशत से अधिक सेवा कर के माध्यम से ही आता है. वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार ने सेवा कर से 2.31 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है.

Jagran Josh
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Education Desk

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