चुनाव आयोग का फैसला, होम क्वारनटीन वाले लोगों के हाथ पर लगेगी चुनावी स्याही

Mar 26, 2020, 10:17 IST

चुनाव आयोग ने कहा है कि मंत्रालय उस चिह्न और निकाय के स्थान को मानकीकृत कर सकता है जहां निशान को लागू किया जाना है जिससे यह देश में कहीं भी चुनाव के संचालन में न आए.

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देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. चुनाव आयोग ने इस बीच कोविड-19 के चलते होम क्वारनटीन में रहने वालों के लिए चुनावी के दौरान लगाई जाने वाली स्याही के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है.

कोरोना वायरस महामारी के कारण असाधारण परिस्थितियों उत्पन्न हुई है इसलिए चुनाव आयोग ने अपने निर्णय की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को घरेलू एकांतवास में रहने वाले लोगों पर निशान लगाने के लिए अमिट स्याही (चुनावी स्याही) के इस्तेमाल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है.

चुनाव आयोग ने कई शर्तें भी रखी

चुनाव आयोग ने कहा है कि मंत्रालय उस चिह्न और निकाय के स्थान को मानकीकृत कर सकता है जहां निशान को लागू किया जाना है जिससे यह देश में कहीं भी चुनाव के संचालन में न आए. अधिकारियों को उन व्यक्तियों के रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए भी निर्देश दिया जाएगा जिन पर स्याही लगाई गई है.

स्क्रीनिंग के जरिए कोरोना के संदिग्ध मरीजों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही संदिग्ध लोगों को होम क्वारनटीन में रहने हेतु कहा जा रहा है और हाथ में मुहर भी लगाई जा रही है. अब घर में रहने वाले संदिग्ध मरीजों को चुनाव आयोग की स्याही से पहचाना जाएगा.

चुनाव आयुक्त ने क्या कहा?

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि राज्यों की तरफ से क्वरंटाइन किए गए लोगों पर इस अमिट स्याही के इस्तेमाल की मांग के बाद जनहित को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया की मर्यादा बरकरार रहे.

अमिट स्याही

अमिट स्याही चुनाव में वोट देने के बाद उंगली पर लगाई जाने वाली स्याही को कहते हैं. यह स्याही देशभर में केवल मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड नामक कंपनी में बनती है. यह कंपनी कर्नाटक सरकार के अधीन है. यह कंपनी मैसूर के महाराजा द्वारा साल 1937 में स्थापित की गई थी. इस कंपनी को आजादी के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम का दर्जा मिला है. इस कंपनी को साल 1962 में अमिट स्याही बनाने का मिला. इस स्याही का उपयोग पहली बार तीसरे लोकसभा चुनाव में हुआ जो साल 1962 में हुए थे.

पृष्ठभूमि

गौरतलब हो कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल 2020 तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है. रिपोर्ट के अनुसार अभी तक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 562 हो गई है. देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है. यहाँ संक्रमित रोगियों की संख्या 116 हो गईं है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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