चुनाव आयोग ने 04 जुलाई 2018 को मतदान में दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए मुफ्त यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने, ब्रेल लिपि वाले मतदाता पहचान पत्र जारी करने और विशिष्ट मतदान केंद्र शुरू करने सहित कुछ अहम फैसले किए हैं.
मतदान में दिव्यांगजनों की भागीदारी को सुनिश्चित करने हेतु आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने इन सहूलियतों को लेकर किए गए फैसलों की जानकारी दी.
ब्रेल पद्धति के बारे में |
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मुख्य तथ्य:
• मतदान के दिन दिव्यांग मतदाताओं को उनके शहर में एक सहायक के साथ मतदान केन्द्र तक जाने के लिये सार्वजनिक यातायात की मुफ़्त सुविधा भी मिलेगी.
• दिव्यांगों मतदाताओं के लिए विशिष्ट मतदान केन्द्र बनाये जायेंगे जहां पर्याप्त संख्या में दिव्यांगों की मौजूदगी हो जिससे उन्हें सामान्य मतदान केन्द्रों पर आने वाली परेशानियों से बचाया जा सके.
• दिव्यांगों के लिये मतदाता सूची में पंजीकरण कराने की प्रक्रिया को पूरा करने में मदद के लिये राज्य और जिला स्तर पर विशिष्ट नोडल अधिकारी भी तैनात किये जायेंगे.
• दिव्यांगों को मतदान प्रक्रिया से जोड़ने और भागीदारी को बढ़ाने के नये उपायों की तलाश तथा इस पर शोध के लिये आयोग द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थान में पृथक इकाई भी गठित की जायेगी.
• दृष्टिबाधित मतदाताओं को चुनाव से पहले ब्रेल लिपि में ही मतदाता पर्ची भी मिलेगी.
• अब ईवीएम मशीन में ऐसे फीचर डाले जाएंगे जिनकी मदद से दृष्टिबाधित लोग ईवीएम में लगी बटनों को छूकर चुनाव चिन्हों की पहचान कर सकेंगे.
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