मॉस्को मरीन मैमल्स रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है कि, रूस के डैगस्टान गणराज्य में कैस्पियन सागर के तट पर पिछले कई दिनों के दौरान कम से कम 170 लुप्तप्राय सील्स को देखा गया है.
मॉस्को मरीन मैमल्स रिसर्च सेंटर के विक्टर निकिफोरोव ने कहा कि, ये मृत जानवर हैं जिन्हें उन्होंने देखा, तस्वीरें खींची और जिनके GPS निर्देशांक उन्होंने नोट किए. इन खींची गई फ़ोटोज़ में कई सील शवों को सागर के किनारे पर देखा गया है.
निकिफोरोव के अनुसार, समुद्र में इन सील्स की मौत मछली पकड़ने, औद्योगिक प्रदूषण या अवैध शिकार के कारण, मछलियों के जाल में फंसने पर हुई होगी. उन्होंने यह भी कहा कि, यह एक ही समय में कई कारणों से होने वाले जलवायु परिवर्तन का परिणाम भी हो सकता है.
रूस की जांच समिति ने की इस घटना जांच
शोधकर्ताओं के अनुसार, दागास्तान की राजधानी माखचक्ला से लगभग 100 किमी दक्षिण में ये मृत सील पाए गए. जबकि कुछ अन्य मृत सील्स शहर के उत्तर में 50 किमी की दूरी पर मिले हैं.
उत्तरी काकेशस में रूसी फेडरल फिशरीज़ एजेंसी ने यह बताया है कि, इसने मृत सील्स की नई गणना करने के लिए अपने निरीक्षकों को भेजा था.
यह जांच समिति, जो रूस में बड़े अपराधों की जांच करती है, ने भी यह कहा है कि, यह भी इस घटना की जांच कर रही थी.
कैस्पियन सागर की सील आबादी औद्योगिक प्रदूषण से है प्रभावित
दुनिया का सबसे बड़ा अंतर्देशीय जल, कैस्पियन सागर, 5 देशों से घिरा है: कजाकिस्तान, ईरान, रूस, तुर्कमेनिस्तान और अज़रबैजान.
दशकों से कैस्पियन सागर में सील की आबादी अत्यधिक शिकार और औद्योगिक प्रदूषण के प्रभाव से त्रस्त है. विभिन्न जानकारों के मुताबिक, अब लगभग 70,000 कैस्पियन सील्स हैं जो 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में एक मिलियन से अधिक थे.
दिसंबर, 2020 में अधिकारियों ने दागिस्तान के कैस्पियन तट पर लगभग 300 लुप्तप्राय सील्स की मौत की सूचना दी थी.
कैस्पियन सागर में प्रदूषण का बढ़ता स्तर
जलवायु परिवर्तन के कारण घटते जल स्तर के साथ-साथ गैस और तेल की निकासी से होने वाले प्रदूषण ने इस जल क्षेत्र में कई प्रजातियों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है और इस समुद्र के भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है.
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