चक्रवाती तूफान फानी 03 मई 2019 को पुरी के दक्षिण में गोपालपुर और चांदबाली के बीच ओडिशा तट पर पहुंच गया है. इस दौरान हवा की गति 175-185 किलोमीटर प्रति घंटे से 205 किलोमीटर प्रति घंटे तक होने की संभावना है. ओडिशा सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है.
फानी तूफान को इसलिए भीषण माना जा रहा है क्योंकि हाई टाइड के वक्त समंदर का स्तर पूर्वी तट के लिए आमतौर पर 7 मीटर तक ऊपर चढ़ जाता है. ऐसे में अति भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से समंदर की लहरों में डेढ़ मीटर का और ज्यादा उछाल आने का अंदेशा है.
फानी तूफान का असर:
मौसम विभाग सूत्रों की मानें को फानी तूफान का असर करीब 15 जिलों पर पड़ सकता है. ओडिशा के आस-पास के राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर तटीय इलाकों के फोनी की चपेट में आने की आशंका जताई गई है.
उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में रेड अलर्ट जारी है, क्योंकि तूफान फानी के दौरान तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका है. बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ विजयनगरम जिले से सटे विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी जिलों में भी फानी तूफान का असर पड़ने के आसार हैं.
मुख्य बिंदु:
• चक्रवाती तूफान फानी के कारण पैदा होने वाली आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. तूफान से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने तैयारी की है.
• एनडीआरएफ समेत सभी बचाव एजेंसियां अलर्ट पर हैं. किसी भी अनहोनि से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है.
• एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की टीम को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है.
फानी तूफान सुपर साइक्लोन के बाद सबसे भीषण तूफान:
फानी तूफान सुपर साइक्लोन के बाद सबसे भीषण तूफान है. संयुक्त तूफान चेतावनी केंद्र के मुताबिक साल 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद फानी सबसे खतरनाक चक्रवात माना जा रहा है. साल 1999 के सुपर साइक्लोन में ओडिशा में करीब 10 हजार लोगों की जान गई थी और भारी तबाही मची थी.
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