किसानों के आन्दोलन को देखते हुए केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गयी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से देश में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर किसान नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत का दौर जारी है. जिसके बाद चौथे चरण की वार्ता में सरकार किसानों की कुछ मांगो को मानने के लिए तैयार ही गयी है.
केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर उनसे दालें, मक्का और कपास की फसल खरीदने की पांच साल की योजना के प्रस्ताव के बाद दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के किसानों ने राजधानी की ओर अपना विरोध मार्च रोक दिया है.
चार और फसलों पर एमएसपी:
एमएसपी की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर चंडीगढ़ में हुई दोनों पक्षों की बैठक के बाद केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गयी है. सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया.
प्रस्ताव की शर्त क्या है?
इस प्रस्ताव के अनुसार, नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड फसलों की खरीद के लिए किसानों के साथ अगले पांच वर्षों का करार करना होगा, जिसमें खरीद की मात्रा पर कोई सीमा नहीं होगी. वहीं कपास के केस में भारतीय कपास निगम से करार करना होगा.
VIDEO | Here's what Union Minister Piyush Goyal (@PiyushGoyal) said after fourth round of talks with farmers concludes in Chandigarh.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 18, 2024
"Today, we had a very positive and long discussion with representatives of farmers. The discussions were held in a very good environment and we… pic.twitter.com/CwT6sDWus4
किसानों ने प्रस्ताव पर मांगा समय:
बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने केंद्र के इस प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए समय मांगा है. किसान नेताओं का कहना है कि वह सभी संगठनों से बात कर सोमवार को इस पर अंतिम फैसला लेंगे. वहीं बैठक में शामिल केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि चौथे दौर की वार्ता काफी सकारत्मक रही.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि चर्चा किए गए कई नीतिगत मामलों में व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है और उन्हें तुरंत अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि चर्चा आगे भी जारी रहेगी.
एमएसपी क्या है?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का तात्पर्य किसानों को फसल की कीमतों में भारी गिरावट से बचाने के लिए सरकार द्वारा तय की गई कीमत से है. एमएसपी फसल की कीमत की सुरक्षा गारंटी प्रदान करता है जो किसानों को नुकसान से बचाती है.
'दिल्ली चलो' मार्च:
अपने मुद्दों को लेकर दिल्ली चलो' मार्च के तहत 200 से अधिक फार्म यूनियनों के हजारों किसान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और पंजाब किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल हुए.
किसान नेता पंधेर ने कहा कि ऋण माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है. उन्होंने कहा,हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इनका समाधान हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि 'दिल्ली चलो' मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन अगर सभी मुद्दे हल नहीं हुए तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा.
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