शुभम साबर, जिन्होंने भारत के सबसे कठिन मेडिकल एग्जाम NEET UG 2025 पास की है,जो कि ओडिशा के एक 19 साल के आदिवासी युवक हैं। उन्होंने बेंगलुरु में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर भी काम किया था। शुभम साबर मुदुलिधिया गांव के एक छाेटे से परिवार से आते हैं।
शुभम साबर ने अनुसूचित जनजाति कैटेगरी में 18212वीं रैंक हासिल की और उन्हें MKCG मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एडमिशन मिला है। NEET एग्जाम खत्म होने के बाद, शुभम अपने माता-पिता और भाई-बहनों की मदद करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने बेंगलुरु में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर तीन महीने तक कड़ी मेहनत की। वहां उन्होंने 45,000 रुपये कमाए, जिसमें से उन्होंने 25,000 रुपये बचाए। इन्हीं पैसों ने आखिरकार उन्हें ओडिशा के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने में मदद मिली।
शुभम साबर पहले पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे, लेकिन जैसे-जैसे वे पढ़ाई करते गए, उनकी दिलचस्पी डॉक्टर बनने में बढ़ गई और यही उनका सपना बन गया। अब वे ब्रह्मपुर के MKCG (महाराजा कृष्ण चंद्र गजपति) मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल से अपनी मेडिकल की पढ़ाई और डिग्री पूरी करेंगे।
“मैं पाँच लोगों के एक बेहद गरीब परिवार से हूँ। नीट परीक्षा खत्म होने के बाद, मैंने अपने परिवार की मदद के लिए कुछ पैसे कमाने का फैसला किया। मैंने एक स्थानीय ठेकेदार से संपर्क किया जिसने मुझे बेंगलुरु भेज दिया। मेरी बचत से मुझे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया।" - शुभम साबर
"बचपन से ही वह बहुत मेहनती और मेधावी रहा है। वह डॉक्टर बनना चाहता था। उसकी कड़ी मेहनत ने उसे सफलता दिलाई।" - शुभम की मां
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