रूस में बर्ड फ्लू (Bird Flu Virus) के वायरस से इंसान के संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है. रूस के वेक्टर रिसर्च सेंटर ने पुष्टि की है कि उनके देश में सात लोगों के अंदर एच5एन8 (H5N8) वायरस मिला है. ये सभी लोग एक ही पोल्ट्री फॉर्म में काम करते थे.
रूस के साथ ही यूरोप, चीन, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में यह वायरस (H5N8 strain) अभी तक सिर्फ पॉल्ट्री में पाया गया था. यह पहली बार है जब इस वायरस को इंसान में पाया गया है. इंसान में बर्ड फ्लू के वायरस मिलने के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है.
H5N8 वायरस क्या है?
H5N8 वायरस स्ट्रेन इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो पक्षियों और मुर्गी में फ्लू में पाया जाता है. इससे लोगों को कम खतरा है, लेकिन यह पक्षियों के लिए घातक है. पिछले दिनों यह भारत के कई राज्यों में तेजी से फैला था, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कौवों में भी पाया गया था.
बर्ड फ्लू फैलाने के लिए कई वायरस जिम्मेदार
बर्ड फ्लू फैलाने के लिए कई वायरस जिम्मेदार होते हैं. लेकिन इसमें H5N1 को खतरनाक माना जाता है क्योंकि यही वायरस इंसानों में बर्ड फ्लू के संवाहक के तौर पर काम करता है. उन्हें इसका शिकार बनाता है. मानवों में बर्ड फ्लू के संक्रमण का पहला मामला साल 1997 में आया था जब हॉन्ग-कान्ग में मुर्गियों से एक शख्स में यह वायरस फैला था.
बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि
हाल के दिनों में भारत के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई थी. कई जगहों पर कौए और अन्य पक्षी मरे हुए भी पाए गए थे.
बर्ड फ्लू बीमारी क्या है?
बर्ड फ्लू पक्षियों से फैलने वाला रोग है. संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से यह रोग इंसानों को हो जाता है चाहे पक्षी मरा हो या जिंदा हो दोनो से ही रोग फैलने का खतरा रहता है. बर्ड फ्लू के लिए एच5एन1 वायरस जिम्मेदार होता है. इसके एक अन्य स्ट्रेन को एच5एन8 के नाम से जाना जाता है. यह अपने पुराने वैरियंट की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक है.
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू एक खास तरह का श्वास रोग होता है यह रोग इतना खतरनाक होता है कि इससे संक्रमित व्यक्ति की जान भी जा सकती है. इस रोग में गले में खराश, खांसी, निमोनिया, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
बर्ड फ्लू से बचने के लिए तरीका
बर्ड फ्लू से बचने के लिए एक ही तरीका है कि मरे हुए और संक्रमित पक्षियों से दूर रहे हैं और जिन लोगों को यह रोग हुआ है उनसे भी थोड़ी दूरी बना कर रखें.
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