माउंट मकालू (8485 मीटर) के लिए प्रथम भारतीय सेना पर्वतारोहण अभियान को 26 मार्च 2019 को महानिदेशक सैन्य प्रशिक्षण ने झंडी दिखाकर रवाना किया. इस पर्वतारोही दल में पांच अधिकारी, दो जेसीओ और 11 ओआर शामिल हैं.
8000 मीटर से ऊंची सभी चुनौतीपूर्ण चोटियों पर चढ़ने के उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना मार्च-मई 2019 में माउंट मकालू के लिए अपना पहला अभियान शुरू कर रही है.
पर्वतारोहण अभियान का प्रशिक्षण:
• इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए इस दल को पिछले छह महीनों से कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा था.
• इस अभियान की तैयारियों के तहत इस दल ने माउंट कामेट का सफल अभियान किया और साल 2018 में माउंट भनौती का आरोहरण करने सहित शीतकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया गया.
• यह दल इस चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए नई दिल्ली से रवाना होगा.
• माउंट मकालू की चोटी के शिखर तक पहुंचने के रास्ते में 6 शिविर स्थापित किये जायेंगे.
माउंट मकालू के बारे में:
• माउंट मकालू को सबसे खतरनाक पर्वत चोटियों में से एक माना जाता है और मौसम की दुरूह परिस्थितियों और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के कारण उस पर चढ़ना बेहद चुनौतीपूर्ण समझा जाता है.
• यह पर्वत चोटी पर्वतारोहियों की तकनीकी सूझबूझ, मानसिक और शारीरिक साहस तथा माउंट मकालू के शिखर तक पहुंचने के उनके संकल्प की परीक्षा लेगी.
• माउंट मकालू विश्व की पाँचवी सबसे ऊँची शिखर, नेपाल-तिब्बत (चीन) की सीमा पर हिमालय पर्वतश्रेणी में स्थित माउंट एवरेस्ट से 19 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में है.
• मकालू की खोज माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों ने की थी, लेकिन साल 1954 तक इसकी खड़ी चढ़ाई वाले ग्लेशियर से ढकी ढालों पर चढ़ाने के कोशिश नहीं की गई.
• फ्रांसीसी दल के दो सदस्य ज्यां कोजी और लियोनल टेरे 15 मई 1955 को इस शिखर पर पहुँचे और दो दिन के अन्दर सात और लोग ऊपर पहुँचे.
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