वैज्ञानिकों ने GPS इस्तेमाल किए बिना चलने वाला 'पहला' रोबोट बनाया

Feb 15, 2019, 10:46 IST

यह रोबोट ऑप्टिकल कम्पास के ज़रिए दिशा और ऑप्टिकल मूवमेंट सेंसर की मदद से तय की गई दूरी निर्धारित करता है. बतौर वैज्ञानिक, यह रेगिस्तानी चींटियों की नैविगेशन क्षमता से प्रेरित है.

वैज्ञानिकों ने GPS इस्तेमाल किए बिना चलने वाला 'पहला' रोबोट बनाया
वैज्ञानिकों ने GPS इस्तेमाल किए बिना चलने वाला 'पहला' रोबोट बनाया

फ्रेंच वैज्ञानिकों ने पहला ऐसा रोबोट बनाने का दावा किया है जो बिना जीपीएस (GPS) इस्तेमाल किए आस-पास के वातावरण का निरीक्षण कर अपने बेस पर लौट सकता है.

यह रोबोट ऑप्टिकल कम्पास के ज़रिए दिशा और ऑप्टिकल मूवमेंट सेंसर की मदद से तय की गई दूरी निर्धारित करता है. बतौर वैज्ञानिक, यह रेगिस्तानी चींटियों की नैविगेशन क्षमता से प्रेरित है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह रोबोट अपने वातावरण को पहचान सकता है और बिना जीपीएस या नक्शे के चल सकता है. यह खोज स्वचालित वाहनों के परिचालन के लिए नये रास्ते खोल सकती है. फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘एंटबोट’ नामक इस रोबोट के डिजाइन के लिए रेगिस्तान में रहने वाली चींटियों से प्रेरणा ली.

ये चींटियां रेगिस्तान में सीधी धूप में खाने की तलाश में सैकड़ों मीटर तक चल सकती हैं और उसी रास्ते से बिना भटके वापस आ सकती हैं. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि नये ‘एंटबोट’ रोबोट में भी रेगिस्तानी चींटियों की रास्ते पहचानने की बेमिसाल क्षमता का अनुसरण किया गया है. इस रोबोट का वजन केवल 2.3 किलोग्राम हैं. यह रोबोट जटिल वातावरण में स्थानांतरित करने की अनुमति देता है.

 

जीपीएस (GPS) क्या है?

जीपीएस (Global Positioning System) एक वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया है. इस प्रणाली ने 27 अप्रैल 1995 से पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था. वर्तमान समय में जीपीएस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है. इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने तथा जियोकैचिंग के लिये भी होते हैं. आरंभिक चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा.

जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति का आकलन, पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए जीपीएस उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है. एक बार जीपीएस प्रणाली द्वारा स्थिति का ज्ञात होने के बाद, जीपीएस उपकरण द्वारा दूसरी जानकारियां जैसे कि गति, ट्रेक, ट्रिप, दूरी, जगह से दूरी, वहां के सूर्यास्त और सूर्योदय के समय के बारे में भी जानकारी एकत्र कर लेता है. भारत में भी इस प्रणाली के प्रयोग बढ़ते जा रहे हैं.

 

रोबोट क्या है?

रोबोट एक आभासी या यांत्रिक (mechanical)कृत्रिम (artificial) एजेंट है. व्यवहारिक रूप से, यह प्रायः एक विद्युत यांत्रिकी निकाय होता है, जिसकी दिखावट और गति ऐसी होती है की लगता है जैसे उसका अपना एक इरादा और अपना एक अभिकरण है. रोबोट शब्द भौतिक रोबोट और आभासी (virtual) सॉफ्टवेयर एजेंट (software agent), दोनों को ही प्रतिबिंबित करता है.

पहला रोबोट युनिमेट, 1961 में ठप्पा बनाने वाली मशीन से धातु के गर्म टुकड़ों को उठाकर उनके ढेर बनाने के लिए लगाया गया था. आज, वाणिज्यिक और औद्योगिक रोबोट व्यापक रूप से सस्ते में और अधिकसे अधिक सटीकता और मनुष्यों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता के साथ प्रयोग में आ रहे हैं. रोबोट्स का प्रयोग व्यापक रूप से विनिर्माण (manufacturing), सभा और गठरी लादने, परिवहन, पृथ्वी और अन्तरिक्षीय खोज, सर्जरी, हथियारों के निर्माण, प्रयोगशाला अनुसंधान और उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादन के लिए किया जा रहा है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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