ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NACP) द्वारा 17 मई 2016 को पांच भारतीय कारों पर क्रैश टेस्ट कराया गया जिसमें सभी को शून्य अंक प्राप्त हुए. इन कारों में रेनो क्विड, महिंद्रा स्कॉर्पियो, मारुती सुजुकी की सेलेरियो, फोर्ड ईको तथा हुंडई इयोन शामिल हैं.
ग्लोबल एनसीएपी ने फरीदाबाद के इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड ट्रैफिक एजुकेशन में दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया.
एनसीएपी द्वारा किये गये क्रैश टेस्ट के प्रमुख बिंदु
• परिणाम में पता चला कि सुरक्षा के उपाय बेहद निम्न स्तर के हैं.
• रेनो क्विड के तीनों वर्गों का टेस्ट किया गया जिसमे एयरबैग्स वाली गाड़ियां भी शामिल हैं लेकिन सभी को शून्य अंक प्राप्त हुए.
• स्कॉर्पियो को व्यस्क चालक की सुरक्षा में शून्य एवं बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से दो अंक प्राप्त हुए. जिन गाड़ियों में एयरबैग्स नहीं थे उनमें सुरक्षा को लेकर अधिक खतरा महसूस किया गया.
• हुंडई इयोन के स्टैण्डर्ड मॉडल को जीरो अंक प्राप्त हुए. ग्लोबल एनसीएपी के अनुसार इसमें एयरबैग्स न होने के कारण गंभीर चोट लगने का खतरा अधिक है.
• बिना एयरबैग वाली मारुती सलेरियो एवं ईको को जीरो अंक प्राप्त हुए जबकि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से इसे एक स्टार प्राप्त हुआ.
टिप्पणी
इससे पता चला कि कार कम्पनियों को बॉडी पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए. इसलिए अगली सीटों पर एयरबैग्स आवश्यक माने गये हैं.
इससे केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2017 से अगले एवं साइड क्रैश टेस्ट को अनिवार्य किये जाने को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
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