वाहन विनिर्माता कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने अमेरिकी वाहन कंपनी फोर्ड के साथ समझौते की घोषणा की. समझौते के तहत दोनों कंपनियां साथ मिलकर मुख्य रूप से प्रॉडक्ट्स, टेक्नोलॉजी, डिस्ट्रीब्यूशन और इलेक्ट्रिक कारों के विकास की संभावना पर काम करेंगी. दोनों कंपनियां तीन साल तक मिलकर काम करेंगी और भविष्य में किसी भी रणनीतिक साझेदारी का निर्णय तीन वर्ष के बाद ही किया जाएगा.
समझौते के बारे में-
यह समझौता पूर्व में किए गए समझौता से कहीं अधिक व्यापक है और इसमें कारों के वितरण से लेकर पुर्जों की आपूर्ति तक पर विचार किया जाएगा.
इस समझौते से दोनों कंपनियों के मिलकर इनवेस्टमेंट करने, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट के अलावा सोर्सिंग और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे एरिया में अपनी स्थिति बेहतर करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
इससे महिंद्रा एंड महिंद्रा को अमेरिकी मार्केट में अपना विस्तार करने में भी मदद मिलने की संभावना है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा को अमेरिका में अपनी डिस्ट्रीब्यूटर ग्लोबल व्हीकल्स के साथ एक कानूनी झंझट के कारण 2010 में अमेरिका के पिकअप ट्रक मार्केट में उतरने की अपनी योजना टालनी पड़ी.
भारत में फोर्ड को महिंद्रा एंड महिंद्रा डिस्ट्रीब्यूशन और आफ्टर-मार्केट सर्विसेज में मदद कर सकती है.
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पृष्ठभूमि-
पूर्व में भी दोनों कंपनियों के मध्य एक ज्वाइंट वेंचर बनाया जा चुका है, जो 1998 में समाप्त हुआ. अमेरिकी कंपनी फोर्ड ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ पार्टनरशिप में फोर्ड एस्कॉर्ट बनाने हेतु 1995 में भारत में प्रवेश किया.
फोर्ड से मिले अनुभव का महिंद्रा एंड महिंद्रा को अच्छा फायदा हुआ और कंपनी को इससे स्कॉर्पियो और अन्य मॉडल्स डिवेलप करने में मदद मिली. वर्ष 2005 में फोर्ड ने संयुक्त उपक्रम में महिंद्रा की 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एक्सचेंज को इस समझौता की जानकारी दे दी. एमऐंडएम के अनुसार फोर्ड के साथ नए टाई-अप से उसे दुनिया के उभरते हुए मार्केट्स में अपना विस्तार करने में मदद मिल सकती है.
फोर्ड ने भारत में 2 अरब डॉलर से अधिक का इनवेस्टमेंट किया है. दो दशकों में फोर्ड का मार्केट शेयर 3 पर्सेंट से कम है. भारत फिलहाल दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कार बाजार है और 2020 तक तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है.
फोर्ड के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं वैश्विक बाजार के अध्यक्ष जिम फर्ली के अनुसार 'महिंद्रा के साथ आपसी समझौते पर किए गए हस्ताक्षर से हमें साथ मिलकर काम करने और वाहन उद्योग में आने वाले बदलावों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी.
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टिप्पणी-
स्थानीय और वैश्विक बाजार में तेजी से बदलती जरूरतों को पूरा करने हेतु भारतीय वाहन कंपनियां अग्रणी वैश्विक ब्रांडों के साथ साझेदारी की जरूरत महसूस कर रही हैं. जापानी वाहन कंपनी टोयोटा ने भी सुजूकी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए साझेदारी की. हाल ही में बजाज ऑटो ने भारत में मझोले वजन के मोटरसाकिल बनाने के लिए ब्रिटेन के मोटरसाइकिल ब्रांड ट्रायंफ के साथ करार किया.
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