ग्वाटेमाला के पूर्व सैन्य तानाशाह एफरेन रियोस मोंट का निधन

Apr 2, 2018, 16:09 IST

वे वर्ष 1982 और वर्ष 1983 के बीच ग्वाटेमाला पर शासन करने वाले और पूर्व नरसंहार के आरोपों पर मुकदमे का सामना कर रहे. उनपर अपने छोटे से शासनकाल के दौरान 1771 स्वदेशी इक्सिल-माया लोगों की हत्या का आरोप था.

Former Guatemala dictator Efrain Rios Montt passes away
Former Guatemala dictator Efrain Rios Montt passes away

ग्वाटेमाला के पूर्व सैन्य तानाशाह एफरेन रियोस मोंट का 01 अप्रैल 2018 को निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे.

वे वर्ष 1982 और वर्ष 1983 के बीच ग्वाटेमाला पर शासन करने वाले और पूर्व नरसंहार के आरोपों पर मुकदमे का सामना कर रहे. उनपर अपने छोटे से शासनकाल के दौरान 1771 स्वदेशी इक्सिल-माया लोगों की हत्या का आरोप था.

CA eBook


एफरेन रियोस मोंट को सजा:

•    उन्हें  वर्ष 2013 के एक मुकदमें में 80 साल की सजा सुनाई गई थी.

•    इन्हें तब पहली बार लैटिन अमेरिकी पूर्व तानाशाह को नरसंहार के लिए दोषी ठहराया गया था.

•    हालांकि इसके कुछ दिन बाद ही ग्वाटेमाला के संवैधानिक न्यायालय ने कुछ त्रुटि के कारण इस फैसले को उलट दिया था. साथ ही एक अन्य मुकदमे का आदेश दिया था.

•    अदालत ने फिर वर्ष 2016 मे एक फैसला सुनाया था कि प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग होने की कोशिश करनी चाहिए.

•    एफरेन रियोस मोंट के वकीलों ने इस कार्यवाही को रोकने की मांग की थी. उनका तर्क था कि उनका स्वास्थ्य बहुत खराब है और वह पागलपन की बीमारी से पीड़ित हैं.  

•    संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक ग्वाटेमाला के लंबे क्रूर गृहयुद्ध के दौरान 2 लाख लोग मारे गए थे.

 


एफरेन रियोस मोंट पर आरोप:

एफरेन रियोस मोंट पर स्वदेशी जनसंख्या के खिलाफ नई नीति का आयोजन करने का आरोप लगा था. जिसे गरीबों के साथ मिलकर सरकारी बलों के खिलाफ युद्ध छेड़ना माना जाता था. हालांकि एफरेन रियोस मोंट ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था. उन्होंने कहा था कि मैंने कभी जाति धर्म के खिलाफ कभी कोई आदेश नहीं दिया था.

एफरेन रियोस मोंट:

•    एफरेन रियोस मोंट मेक्सिको के पास ग्वाटेमाला के दूरदराज ह्वेहुतेनेंगो प्रांत में पैदा हुए थे.

•    वे छोटी सी उम्र में ही सेना में शामिल हो गए थे.

•    उन्होंने अमेरिका के रन स्कूल ऑफ अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करते हुए लैटिन अमेरिकी अधिकारियों से असंतुष्ट होकर उनके खिलाफ कठोर रणनीति का इस्तेमाल किया.

•    वे राजनीतिक में वर्ष 1974 में आगे आए.

•    उन्हें ब्रिगेडियर जनरल के रूप में गठबंधन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किया था.

•    उन्हें इसमें भारी जीत मिली, लेकिन चुनावी धोखाधड़ी के चलते उन्हें यह पद लेने से रोका गया.

यह भी पढ़ें: कांची शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन

 

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News