जम्मू -कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 14 महीने बाद नजरबंदी से रिहा

Oct 14, 2020, 14:17 IST

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी.

Former J&K CM Mehbooba Mufti released from detention in Hindi
Former J&K CM Mehbooba Mufti released from detention in Hindi

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 14 माह बाद 13 अक्टूबर 2020 को प्रदेश सरकार ने रिहा कर दिया. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही वो नजरबंद थीं. उन्हें अब रिहा किया गया है. उनकी 14 महीने बाद रिहाई हुई है.

जम्मू-कश्मीर से 05 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के साथ ही महबूबा मुफ्ती को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में ले लिया गया था. तबसे अब तक उनकी हिरासत की अवधि लगातार बढ़ाई जा रही थी. उन्हें आखिरकार 14 महीने और आठ दिन बाद रिहा करने का फैसला लिया गया.

सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी. महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया था. इसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था. पूछा कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितनी हिरासत हो सकती है? महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा?

 सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) क्या है?

सरकार सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत सुरक्षा कारणों को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को दो साल तक नजरबंद कर सकती है. यह कानून जम्मू कश्मीर में पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था.

इस कानून को तत्कालीन सरकार द्वारा लाने का मुख्य उद्देश्य लकड़ी की तस्करी को रोकना बताया गया था. इस कानून के तहत किसी इलाके की सुरक्षा व्यवस्था को सही तरह से बनाए रखने के मद्देनजर वहां नागरिकों के आने-जाने पर रोक लगा दी जाती हैं.

यह कानून सरकार को अधिकार देता है कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति को हिरासत में ले सकता है जो सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा हो. यह कानून सरकार को 16 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसी भी व्यक्ति को मुकदमा चलाए बिना दो साल की अवधि के लिए बंदी बनाने की अनुमति देता है.

पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि पिछले साल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पहले प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. महबूबा मुफ्ती को भी दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ हिरासत में ले लिया गया था. फारुख और उमर अब्दुल्ला को पहले ही रिहा किया जा चुका था, लेकिन महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि 01 अगस्त के दिन ही तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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