राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का 19 मई 2021 को निधन हो गया. राज्य सरकार ने उनके निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. वे 93 वर्ष के थे. पूर्व मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमित थे. उनके निधन पर राजस्थान सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की घोषणा की है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहाड़िया के निधन पर शोक जताया है. गहलोत ने ट्वीट किया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के निधन की खबर बेहद दुखद है. पहाड़िया ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री के रूप में लम्बे समय तक देश की सेवा की, वे देश के वरिष्ठ नेताओं में से थे.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ पहाड़िया जी के निधन की खबर बेहद दुखद है। श्री पहाड़िया ने मुख्यमंत्री के रूप में, राज्यपाल के रूप में, केंद्रीय मंत्री के रूप में लम्बे समय तक देश की सेवा की, वे देश के वरिष्ठ नेताओं में से थे।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 19, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया जी के निधन से दुखी हूं. अपने लंबे राजनीतिक एवं प्रशासनिक करियर में उन्होंने सामाजिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.
जगन्नाथ पहाड़िया राजनीतिक सफर
जगन्नाथ पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक सिर्फ 13 महीने ही राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे. लेकिन इस छोटे कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी लागू की. वे 1957, 1967, 1971 और 1980 में सांसद और 1980, 1985, 1999 और 2003 में विधायक भी रहे.
जगन्नाथ पहाड़िया इंदिरा गांधी कैबिनेट में मंत्री भी रहे थे. उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम, कृषि जैसे विभाग थे. वे 1989 से 1990 तक एक साल के लिए बिहार और 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे थे.
राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री
जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के एक मात्र दलित मुख्यमंत्री रहे हैं. उनसे पहले और उनके बाद कोई दलित नेता राजस्थान में मुख्यमंत्री नहीं बना. भरतपुर के भुसावर में एक दलित परिवार में पैदा हुए पहाड़िया शुरू से ही बेबाक थे. उनकी बेबाकी ही उनके राजनीति में आने की वजह बनी.
जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म 15 जनवरी 1932 को भरतपुर जिले के भुसावर गांव में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भरतपुर और वकालत जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय से की थी.
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