हाल ही में पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में लगभग 4 करोड़ ग्रामीण लोग धातु-प्रदूषित जल ग्रहण कर रहे हैं. यह लोग उस पानी को पीने के लिए मजबूर हैं जिसमें किसी न किसी रूप में धातु मिली हुई होती है.
इस सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रदूषित जल में पाए जाने वाली प्रमुख धातुएं फ्लोराइड, आर्सेनिक और नाइट्रेट हैं. धातु प्रदूषित जल के आंकड़ों में पश्चिम बंगाल और राजस्थान टॉप पर पाए गये हैं.
सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
• मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में सबसे अधिक धातु से प्रदूषित पानी पीने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है. यहां 39 प्रतिशत लोग इस जल का सेवन करने को मजबूर है.
• इसी क्रम में राजस्थान दूसरे स्थान पर आता है जहां 65 लाख ग्रामीण पीने के लिये प्रदूषित जल का प्रयोग करते हैं. इस जल से उनका उनका स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है, जबकि बिहार में 43 लाख लोग दूषित जल का सेवन कर रहे हैं.
• इस सर्वेक्षण में जुटाए गये आंकड़ों में 16 राज्यों में एक लाख से अधिक ग्रामीण आबादी प्रभावित है. जबकि केवल सात राज्यों पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, पंजाब, असम, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं.
• इसे अलग-अलग श्रेणी के अनुसार बांटते हुए कहा गया है कि फ्लोराइड प्रदूषण के क्षेत्र में 33 लाख, लवणता प्रदूषण के क्षेत्र में 25 लाख तथा नाइट्रेट प्रदूषण के क्षेत्र में 7 लाख आबादी के साथ राज्यों की सूची में राजस्थान टॉप पर है.
• आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में लगभग 96 लाख लोग आर्सेनिक और 49 लाख लोग आयरन से प्रदूषित जल का सेवन कर रहे हैं.
• पीने के पानी में सबसे अधिक प्रकार की धातुएं पंजाब में पाई गईं. यहां सभी तरह की धातुओं को पानी में देखा गया जबकि पश्चिम बंगाल में नाइट्रेट की मिलावट नहीं मिली थी.
पृष्ठभूमि
मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र ने आर्सेनिक और फ्लोराइड संदूषण से निपटने के लिये सामुदायिक जल शोधन संयंत्रों और पाइपलाइन की अनंतिम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मार्च 2016 में 1,000 करोड़ रुपए जारी किये हैं. वर्ष 2017 में मंत्रालय ने 27,544 आर्सेनिक / फ्लोराइड प्रभावित ग्रामीण बस्तियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिये राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उप-मिशन शुरू किया था. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति राज्य सूची का विषय है, इसलिये पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ग्रामीण आबादी हेतु सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के माध्यम से राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
Latest Stories
Current Affairs One Liners 10 Oct 2025: किसे दिया गया इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार? जानें यहां
एक पंक्ति मेंभारत की पहली बुलेट ट्रेन कब दौड़ेगी, कहाँ-कहाँ होगा स्टॉपेज, रेल मंत्री ने दिया जवाब
राष्ट्रीय | भारत करेंट अफेयर्सNobel Prize 2025: इस सुप्रसिद्ध लेखक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार, जानें नाम
न्यूज़ कैप्सूल
यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!
Comments
All Comments (0)
Join the conversation