30 मार्च 2016 को फ्रांसिसी रक्षा मंत्री जीन– वेस ली ड्रेन ने घोषणा की कि फ्रांस 2016 में मध्य अफ्रिकी गणराज्य में ऑपरेशन सैंगारिस (Operation Sangaris) को खत्म कर देगा.
यह फैसला देश में सैन्य हस्तक्षेप के उद्देश्य की प्राप्ति के मद्देनजर लिया गया था. मिशन की शुरुआत देश में तीन वर्षों के सांप्रदायिक हिंसा के बाद सुरक्षा बहाल करने के उद्देश्य से हुई थी.
यह घोषणा तीन वर्षों में देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति फौस्टिन– अर्चेंज टॉडेरा के शपथ ग्रहण समारोह के साथ की गई.
सेना का पलायन 12000 मजबूत संयुक्त राष्ट्र बल, मिनुस्का (MINUSCA) और यूरोपीय संघ के प्रशिक्षण मिशन (EUTM RCA) के साथ ही किया जाएगा. फिलहाल इसे दिसंबर 2013 के सबसे अधिक 2500 से कम कर 900 कर दिया गया है.
करीब 300 फ्रांसिसी सैनिक सीएआर में बने रहेंगें, जो MINUSCA को फिर से ज्वाइन करेंगें और EUTM RCA में हिस्सा लेंगे.
ऑपरेशन संगारिस
इस ऑपरेशन की शुरुआत फ्रांस ने दिसंबर 2013 में अफ्रीकी संघ–नीत सीएआर के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिशन (MISCA) को समर्थन देने के लिए की थी. MISCA का गठन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा संकल्प 2127 अपनाए जाने के साथ की गई थी.
मार्च 2013 में देश में इसाईयों और मुसलमानों के बीच हुए धार्मिक एवं जातीय हिसा के दौरान हजारों लोगों की हत्या की पृष्ठभूमि में इस संकल्प को अपनाया गया था. इस घटना ने देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा कर दी थी.
सीएआर मार्च 2013 में गृह युद्ध से जुड़ा जब मुसलमान सीलीका विद्रोहियों ने राष्ट्रपति फ्रांकोइस बोजिजी को अपदस्थ कर दिया और अपने नेता माइकल जोटोडिया को 10 माह के लिए सत्ता की बागडोर दे दी. बाद में 2014 में अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से एक मध्यस्थ सरकार बनाई गई थी.
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