जापान के पूर्व विदेश मंत्री फूमिओ किशिदा (Fumio Kishida) ने 29 सितंबर 2021 को सत्तारूढ़ पार्टी के नेता पद का चुनाव जीत लिया है. इसके साथ ही उनका प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. प्रधानमंत्री बनने पर फूमिओ किशिदा के समक्ष महामारी का दंश झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बढ़ते क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए अमेरिका के साथ मजबूत गठबंधन बनाने की चुनौती होगी.
पूर्व विदेश मंत्री फूमिओ किशिदा पार्टी के निवर्तमान नेता एवं प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का स्थान लेंगे. पिछले साल सितंबर में पद संभालने के महज एक साल बाद ही प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा पद छोड़ रहे हैं. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नए नेता के तौर पर फूमिओ किशिदा का संसद में 04 अक्टूबर 2021 को अगला प्रधानमंत्री चुना जाना तय है.
कोविड-19, महामारी
फूमिओ किशिदा ने अपने विजय भाषण में कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था और घटती जनसंख्या तथा जन्मदर की समस्याओं सहित राष्ट्रीय संकटों से निपटने का वादा किया. उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने वाले एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण के जरिए जापान के भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों को आगे बढ़ाएंगे.
लोकप्रिय टीकाकरण मंत्री तारो कोनो को हराया
फूमिओ किशिदा ने पार्टी के नेता पद के मुकाबले में लोकप्रिय टीकाकरण मंत्री तारो कोनो को हराया. पहले चरण के चुनाव में, उन्होंने दो महिला उम्मीदवारों सना तकाइची और सेइको नोडा को पराजित किया था. दूसरे चरण के चुनाव में, 170 के मुकाबले 257 वोटों से मिली शानदार जीत से यह प्रदर्शित होता है कि फूमिओ किशिदा को अपनी पार्टी के दिग्गजों का समर्थन मिला, जिन्होंने तारो कोनो द्वारा समर्थित बदलाव के बजाय स्थिरता को चुना. तारो कोनो को स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है.
फूमिओ किशिदा: एक नजर में
फूमिओ किशिदा ने कहा कि उन्होंने अतीत में कई मतदाताओं से यह शिकायत सुनी है कि उनकी अनदेखी की जा रही है. किशिदा, 2020 में सुगा से पार्टी नेतृत्व की दौड़ में हार गये थे. फूमिओ किशिदा हिरोशिमा से तीसरी पीढ़ी के नेता हैं. वे साल 1993 में पहली बार संसद के लिए निर्वाचित हुए थे. वे परमाणु निरस्त्रीकरण के पैरोकार हैं.
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