भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 30 सितंबर, 2020 को सूचित किया है कि, एक निजी इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक खुदरा क्षेत्र में 0.84% हिस्सेदारी के लिए रिलायंस रिटेल वेंचर्स में 36.75 बिलियन रुपये का निवेश करने के लिए तैयार है. यह नवीनतम निवेश भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी के शेयरों के मूल्य को 1% तक बढ़ा देगा.
इस निजी इक्विटी फर्म के साथ होने वाला यह नया सौदा अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी की विस्तार योजनाओं में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी पर बल देगा क्योंकि इसका लक्ष्य मुख्य तेल और गैस कारोबार से अलग होना है.
इससे पहले, रिलायंस की जियो कंपनी में और अब, रिलायंस रिटेल में बढ़ते निवेश के साथ, इस कंपनी को अमेज़न इंक और वॉलमार्ट इंक के फ्लिपकार्ट के लिए एक जबरदस्त प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि ये सभी कंपनियां भारत के बाजार में प्रभुत्व के लिए संघर्षरत हैं.
नवीनतम निवेश पर मुकेश अंबानी का बयान
जनरल अटलांटिक से नवीनतम निवेश के साथ, जिसने स्लैक, एयरबीएनबी और उबेर में भी निवेश किया है, रिलायंस ने अपने खुदरा कारोबार के लिए लगभग 2.3 बिलियन डॉलर जुटाए हैं. यह निवेश रिलायंस रिटेल को 4.29 ट्रिलियन रुपये का पूर्व-धन मूल्यांकन देता है.
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जनरल अटलांटिक द्वारा किये गये इस निवेश पर टिप्पणी करते हुए यह कहा है कि, रिलायंस अपने नए वाणिज्य उद्यम का विस्तार करने के लिए जनरल अटलांटिक की व्यापक विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी और परिधान के लिए पड़ोस के स्टोर के साथ-साथ किराने के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स की ऑनलाइन डिलीवरी की कोशिश करेगी. इस मई के महीने में, रिलायंस ने एक ऑनलाइन किराने की दुकान शुरू की है.
रिलायंस रिटेल में अपेक्षित निवेश
जनरल अटलांटिक रिलायंस के डिजिटल व्यवसाय जियो प्लेटफ़ॉर्म का भी एक निवेशक है और सूत्रों के अनुसार, अबू धाबी राज्य निधि मुबाडाला निवेश कंपनी भी रिलायंस की खुदरा इकाई में 01 बिलियन डॉलर तक निवेश करने के लिए वार्ता के उन्नत स्तर पर है.
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