केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में पांच सदस्यों की नियुक्ति की है. केरल के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता जॉर्ज कुरियन को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है. अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने इस नियुक्ति की जानकारी दी.
जॉर्ज कुरियन के बारे में-
- जॉर्ज कुरियन केरल के एक प्रसिद्ध सामाजिक और शैक्षिक कार्यकर्ता हैं.
- इससे पहले उत्तर प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद गयूरुल हसन रिजवी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
- सैयद गयूरुल हसन रिजवी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हैं.
- आयोग के अन्य नियुक्त सदस्य महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री सुलेखा कुंभारे, गुजरात से जैन प्रतिनिधि सुनील सिंघी और पारसी प्रतिनिधि वाडा दस्तूरजी खुर्शीद काइकोबाद दस्तूर इस आयोग के अन्य सदस्य हैं.
- देश में छह अधिसूचित अल्पसंख्यक मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, पारसी और जैन समुदाय हैं.
- केंद्र सरकार ने 24 मई 2017 को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष पद के लिए कुरियन समेत आयोग के पांच सदस्यों को नामित किया था.
- जनवरी 2014 में जैन समुदाय को अल्पसंख्यक के तौर पर अधिसूचित करने के बाद पहली बार इस समुदाय के किसी व्यक्ति को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है.
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार की ओर से नियुक्त किये गये आयोग के सभी सात सदस्य नौ सितंबर, 2015 और इस साल नौ मार्च के मध्य सेवानिवृत्त हो गये. यह पद दो माह से खाली पड़ा था.
अब तक परंपरा यह थी कि किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश या नौकरशाह को आयोग का अध्यक्ष या सदस्य बनाया जाता था. ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी सदस्य समाजसेवी हैं
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग-
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत एनसीएम की स्थापना हुई थी, जिसका काम देश के पांच धार्मिक समुदायों (मुस्लिमाें, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों) की शिकायतों पर विचार करना है. एनसीएम में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित सात सदस्य हैं.
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