Sri Lanka New Prime Minister: श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किया गया है. बता दें श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. रानिल विक्रमसिंघे ने 12 मई 2022 को 26वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को सही कर श्रीलंका को आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) से बाहर लाना है.
उन्होंने इसके साथ ही भारत के साथ रिश्ते पर कहा कि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी बहुत अच्छे होंगे. बता दें श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) की मात्र एक सीट है, लेकिन वे देश के अगले प्रधानमंत्री बन गए हैं. रानिल विक्रमसिंघे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता हैं.
United National Party leader Ranil Wickremesinghe appointed as the new Prime Minister of Sri Lanka.
— ANI (@ANI) May 12, 2022
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जानें क्यों PM Modi को कहा धन्यवाद?
श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भारत से मिली आर्थिक मदद की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैं करीबी रिश्ते चाहता हूं तथा मैं प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी का धन्यवाद देना चाहता हूं. भारत ने 13 मई 2022 को कहा कि वो श्रीलंका की नई सरकार के साथ काम करने की इच्छुक है तथा भारत श्रीलंका के लोगों के लिए प्रतिबद्ध है.
जानें कौन रानिल विक्रमसिंघे?
रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के जाना- माना चेहरा माना जाता है. वे दूरदृष्टि वाली नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को संभालने वाले नेता है. अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाने वाला नेता भी उन्हें माना जाता है.
देश की राजनीति में उन्होंने 70 के दशक में कदम रखा था. वे साल 1977 में पहली बार चुनकर सदन आए थे. रानिल विक्रमसिंघे राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं. उनके चाचा जूनियस जयवर्धने लगभग दस साल तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे थे.
रानिल विक्रमसिंघे को पहली बार साल 1993 में श्रीलंका का प्रधानमंत्री बनाया गया था. बता दें उनका प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल एक साल से थोड़ा ज्यादा चला था.
पांचवी बार रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने हैं. रानिल विक्रमसिंघे साल 2018 में भारत यात्रा पर आए थे.
श्रीलंका आर्थिक संकट
बता दें श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त किया था. ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से इस समय गुजर रहा है. इस समय उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश को आर्थिक संकट से निकालने के इंतजाम करने होंगे.
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