केंद्र सरकार ने भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच 47 और चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र सरकार पहले ही 59 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये सभी 47 ऐप्स पहले बैन हुए 59 ऐप्स के क्लोन हैं, हालांकि बैन हुए इन 47 ऐप्स के नाम अभी सामने नहीं आए हैं.
भारत सरकार ने ऐसे में कुल 106 ऐप्स को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है. वहीं यह भी खबर है कि केंद्र सरकार ने 275 चीनी मोबाइल ऐप की लिस्ट तैयार की है, जिन पर आने वाले समय में बैन लगाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त कई चीनी इंटरनेट कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
47 ऐप पर डेटा चोरी करने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बताया जा रहा है कि ये 47 ऐप भी देश के डाटा प्रोटोकाल का उल्लंघन कर रही थीं और इनपर डाटा चोरी करने का भी आरोप है. ये ऐप यूजर्स की निजी और गोपनीय जानकारी को इस्तेमाल कर रहे थे और इन्होंने गोपनीयता कानून का उल्लंघन भी किया है जिस वजह से इनके ऊपर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है.
इससे पहले 59 चीनी ऐप पर बैन
भारत सरकार ने इससे पहले 29 जून को 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. जिन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, शेयर इट आदि ऐप्स हैं. इनके अतिरिक्त हैलो, लाइक, कैम स्कैनर, शीन क्वाई भी बैन कर दिया गया है. बायडू मैप, केवाई, डीयू बैटरी स्कैनर भी बैन हो गया है. केंद्र सरकार ने इन चीनी ऐप्स पर आईटी एक्ट 2000 के तहत बैन लगाया था.
प्रायवेसी के उल्लंघन का आरोप
केंद्र सरकार ने अब 275 ऐसे ऐप्स की लिस्ट बनाई है, जिन पर प्रायवेसी के उल्लंघन का आरोप है. साथ ही ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बताए गए हैं. इस लिस्ट में गेमिंग चायनीज ऐप्स शामिल हैं. इस लिस्ट में PubG भी शामिल है, जिसमें चीन की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी टेंसेंट का हिस्सा है.
पृष्ठभूमि
आपकों बता दे कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की रात चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही चीन और उसके प्रोडक्ट समेत सभी ऐप्स को लेकर भारत के लोगों में गुस्सा था जिसके बाद 29 जून 2020 को सरकार ने 59 चीनी ऐप बैन किए थे.
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