केंद्र सरकार ने 14 सितम्बर 2020 को प्याज की सभी किस्मों का निर्यात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार, प्याज की सभी किस्मों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है.
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों को काबू में रखना है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि संक्रमणकालीन व्यवस्था के तहत आने वाले प्रबंधों के प्रावधान इसके दायरे में नहीं आएंगे.
प्याज के निर्यात पर तत्काल रोक
आपको बता दें कि प्याज आम आदमी के जीवन में दैनिक भोजन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के इस कदम से प्याज की लोकल बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी जिससे कीमतें भी कम होंगी.
Government bans export of onions with immediate effect pic.twitter.com/BuAdFAGSpK
— ANI (@ANI) September 14, 2020
प्याज की कीमतें बढ़ीं
दरअसल दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है. इसके वजह से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही हैं.
निर्यात पर रोक लगने से सस्ता होगा प्याज
आपको बता दें कि भारत ने अप्रैल से जून के बीच लगभग 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है. पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था.
भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात
भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को होता है. अब जब प्याज के निर्यात पर रोक लग गयी है तो इससे देश में प्याज की कमी दूर होगी और इसकी कीमतों में गिरावट आएगी.
कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट
बता दें कि डीजीएफटी आयात और निर्यात से जुड़े मसलों को देखने वाली इकाई है जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है. हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन साल 2018-19 के मुकाबले अधिक हुआ है.
निर्यात पर बैन पहले भी लगा था
सरकार ने इससे पहले सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी. उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आने से प्याज के भाव काफी ज्यादा बढ़ गए थे. महाराष्ट्र जैसे बड़े प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था.
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