केंद्र सरकार ने 116 जिलों में 3 लाख प्रवासी श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की

Nov 13, 2020, 13:50 IST

कौशल मंत्रालय स्थानीय उद्योग की मांग के अनुसार विभिन्न नौकरियों के लिए कौशल प्रशिक्षण आयोजित करने के अपने प्रयासों को निर्देशित कर रहा है, जैसा कि जिला प्रशासन द्वारा अनुशंसित है.

Government begins skill training of 3 lakh migrant workers in 116 districts in Hindi
Government begins skill training of 3 lakh migrant workers in 116 districts in Hindi

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड के चिन्हित 116 ज़िलों में 3 लाख प्रवासी श्रमिकों का कौशल प्रशिक्षण शुरू किया है. इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा आगे बढ़कर राज्यों के समग्र विकास के लिये केंद्रीय क्षेत्रक योजनाओं के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं का संचालन किया जाता है.

इसका लक्ष्य प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 2016-2020 के केंद्र प्रायोजित और केंद्र प्रबंधित (सीएससीएम) घटक के तहत कोविड युग के बाद श्रमिकों और ग्रामीण आबादी का मांग संचालित कौशल और अभिविन्यास प्रदान करना है. जिला मजिस्ट्रेटों के सहयोग से मंत्रालय 125 दिनों के भीतर कौशल प्रशिक्षण के लिए चयनित जिलों में कार्यक्रम शुरू करेगा.

प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम: एक नजर में

• कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय-एमएसडीई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), पीएमकेवीवाई 2016-20 या राज्य योजनाओं के तहत कार्यरत मौजूदा प्रशिक्षण प्रदाताओं और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम का निष्पादन कर रहा है.

• 1.5 लाख प्रवासी कामगारों को लघु अवधि के प्रशिक्षण (एसटीटी) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है, और अन्य 1.5 लाख प्रवासी श्रमिकों को पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) योजना के तहत प्रशिक्षित किये जाने की योजना है.

• इन जिलों में स्थानीय नौकरियों के लिए एकत्रीकरण और साथ ही प्रशिक्षण के प्रयोजन के लिए प्रवासी कामगारों को जुटाने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है.

• कौशल मंत्रालय स्थानीय उद्योग की मांग के अनुसार विभिन्न नौकरियों के लिए कौशल प्रशिक्षण आयोजित करने के अपने प्रयासों को निर्देशित कर रहा है, जैसा कि जिला प्रशासन द्वारा अनुशंसित है.

• इन 6 राज्यों में जो भूमिकाएं मांग में हैं उनमें सहायक इलेक्ट्रीशियन, सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर, रिटेल सेल्स एसोसिएट, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव (कॉल सेंटर), सिलाई मशीन ऑपरेटर और जनरल ड्यूटी असिस्टेंट आदि शामिल हैं.

ग्रामीण विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता

• केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण विकास, कौशल भारत मिशन का एक मूल तत्व है क्योंकि कुल कार्यबल का 70 प्रतिशत ग्रामीण भारत से आता है. उद्योग की बदलती जरूरतों के साथ ग्रामीण कार्यबल तैयार करने की दृष्टि को कुशल पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न भागीदारों के बीच सहज तालमेल की आवश्यकता होती है.

• कार्यबल विस्थापन के बाद के प्रभावों को बेअसर करने के लिए क्षेत्रीय स्तरों पर उद्योग-प्रासंगिक नौकरियों के निर्माण के दबाव की आवश्यकता पर खुद को एक-दूसरे का पूरक बनाने की आवश्यकता है.

• प्रवासी कुशल श्रमिकों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय मांग-संचालित कौशल विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनकी सामूहिक ताकत हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

• कौशल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 2016-2020 के तहत अब तक 92 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि भिन्न नौकरी की भूमिकाओं के अनुसार 150 से 300 घंटों के बीच होती है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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