रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उत्पारदन और निर्यात संवर्द्धन नीति-2020 का मसौदा तैयार किया

Aug 4, 2020, 16:15 IST

केंद्र सरकार ने देश में रक्षा विनिर्माण से 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है. इसमें अगले पांच साल में रक्षा एवं एरोस्पेस क्षेत्र में सामान और सेवाओं के 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है.

Government forms draft Defence Production and Export Promotion Policy 2020 in Hindi
Government forms draft Defence Production and Export Promotion Policy 2020 in Hindi

रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में रक्षा उत्‍पादन और निर्यात संवर्द्धन नीति 2020 का मसौदा तैयार किया है. इस नीति का मुख्य उद्देश्‍य ‘आत्‍मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में देश को स्‍वावलम्‍बी बनाना है. प्रस्तावित नीति की परिकल्‍पना रक्षा मंत्रालय के लिए एक ऐसे दिशानिर्देश दस्‍तावेज के रूप में की गई है. इसमें देश की रक्षा उत्‍पादन क्षमताओं को प्रोत्‍साहित कर उसे आत्‍मनिर्भर और निर्यात में सक्षम बनाने पर जोर दिया गया है.

सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में कोविड-19 के चलते कई चुनौतियों से जूझ रही पूरी अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने की क्षमता है. रक्षा मंत्रालय ने देश में रक्षा विनिर्माण के लिए ‘रक्षा उत्पादन एवं निर्यात संवर्द्धन नीति 2020’ का मसौदा रखा है. रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्रदान करने के उद्देश्य से इस 'आत्मानिर्भर भारत पैकेज' के तहत कई घोषणाएँ की गईं.

रक्षा निर्माण के तहत कई घोषणाएँ की गईं

• केंद्र सरकार ने देश में रक्षा विनिर्माण से 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है. इसमें अगले पांच साल में रक्षा एवं एरोस्पेस क्षेत्र में सामान और सेवाओं के 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है.

• इस नीति की परिकल्पना रक्षा मंत्रालय को एक व्यापक मार्गदर्शन देने वाले दस्तावेज के रूप में की गयी है. गुणवत्ता वाले उत्पादों के साथ सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने हेतु एयरोस्पेस और नौसेना जहाज निर्माण उद्योग सहित एक गतिशील, मजबूत और प्रतिस्पर्धी रक्षा उद्योग विकसित करना.

• यह नीति मंत्रालय को सैन्य हार्डवेयर और मंच के उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने एवं निर्यात के लिए सक्षम बनाने को लेकर लक्षित, ढांचागत तरीके से निर्देशित करेगी. इस नीति का लक्ष्य एक गतिशील, वृद्धिपरक और प्रतिस्पर्धी रक्षा उद्योग को विकसित करना है.

• इस नीति के तहत आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू डिजाइन और विकास के माध्यम से "मेक इन इंडिया" पहल को आगे बढ़ाना है.

पृष्ठभूमि

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई सुधारों की घोषणा की थी. इसमें स्वदेश निर्मित सैन्य उत्पादों की खरीद के लिए अलग से बजटीय आवंटन भी शामिल था. साथ ही रक्षा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत भी किया गया.

वित्त मंत्री ने सालाना आधार पर ऐसे हथियारों की प्रतिबंधित सूची बनाने की भी घोषणा की थी जिनके आयात की अनुमति नहीं होगी. भारत वैश्विक रक्षा उत्पाद कंपनियों के लिए पसंदीदा बाजार है, क्योंकि पिछले आठ साल से भारत विश्व के तीन सबसे बड़े रक्षा उत्पाद आयातकों में बना हुआ है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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