केंद्र सरकार ने 11 जुलाई 2017 को विज्ञप्ति जारी करके यह जानकारी प्रदान की कि धार्मिक संस्थानों द्वारा श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले निःशुल्क भोजन (प्रसाद) पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं वसूला जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा 01 जुलाई 2017 से देश भर में एक कर प्रणाली के तहत जीएसटी लागू किया गया था. इसके तहत विभिन्न धार्मिक संस्थानों द्वारा कयास लगाए जा रहे थे कि निःशुल्क भोजन पर भी जीएसटी लगाया जायेगा अथवा नहीं. हालांकि सरकार ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस निःशुल्क भोजन में लगने वाली सामग्रियों जैसे चीनी, तेल, घी आदि पर जीएसटी लगेगा.
धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों, दरगाह में दिए जाने वाले प्रसाद पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्य है.
घोषणा के मुख्य बिंदु
• प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्चे माल एवं उनसे जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा.
• इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन वस्तुओं की ढुलाई से जुड़ी सेवा इत्यादि शामिल हैं.
• इनमें से अधिकतर कच्चे माल और इनसे जुड़ी सेवाओं के अनगिनत उपयोग किये जाते हैं.
• जीएसटी व्यवस्था के तहत जब किसी विशेष उद्देश्य के लिए आपूर्ति की जाती है तो वैसी स्थिति में चीनी इत्यादि के लिए अलग टैक्स दर तय करना अत्यंत मुश्किल है.
जीएसटी एक बहु-स्तरीय कर है, इसलिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायतों का समुचित प्रबंधन मुश्किल है. यही कारण है कि जीएसटी में अंतिम उपयोग पर आधारित रियायत नहीं दी गई हैं. अतः ऐसे में धार्मिक संस्थानों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले प्रसादम अथवा भोजन में उपयोग होने वाले कच्चे माल अथवा इससे जुड़ी सेवाओं के लिए अंतिम उपयोग आधारित रियायत देना वांछनीय नहीं है.
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