केंद्र सरकार ने हाल ही में ग्रामीण युवाओं के लिए और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्यन से बीपीओ प्रमोशन स्कीेम के विस्ताऔर के लिए कदम उठा रही है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारतीय बीपीओ प्रमोशन स्कीम का विस्तार करने के उद्देश्य से वर्तमान 48,000 सीटों को बढ़ाकर 1 लाख सीटों तक करने की योजना बना रहा है.
विस्तार से संबंधित मुख्य तथ्य:
• इसके साथ ही यह मध्य प्रदेश, भोपाल में 5 लाख वर्चुअल सर्वर की क्षमता के साथ 5वां और भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय डाटा सेंटर (एनडीसी) की स्थापना भी करेगा.
• भारत बीपीओ संवर्धन योजना (आईबीपीएस), डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत देश भर में बीपीओ/आईटीईएस के संचालन के लिए 48,300 सीटों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए परिकल्पित है.
• सरकारी वेबसाइटों, सेवाओं और ऐप्स की मेजबानी करने वाले ये राष्ट्रीय डाटा सेंटर वर्तमान में पुणे, हैदराबाद, दिल्ली और भुवनेश्वर के चार स्थानों पर परिचालित किए जा रहे हैं.
• इसे 493 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राज्य की जनसंख्या के अनुपात में प्रत्येक राज्य के बीच वितरित किया गया है.
• इससे छोटे शहरों में बुनियादी सुविधाओं और जनशक्ति के रूप में क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी और आईटी/आईटीईएस आधारित विकास की अगली लहर की बुनियाद तैयार होगी.
बीपीओ पदोन्नति योजना:
भारतीय बीपीओ प्रमोशन स्कीम का मुख्य रूप से उदेश्य बीपीओ / आईटीईएस संचालन की स्थापना करके आईटी / आईटीईएस उद्योग को बढ़ावा देते हुये युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गयी यह पहल ग्रामीण युवाओं के लिए नई नौकरियों के अवसर पैदा करने में मदद करेंगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि छोटे शहरों के लोगों को आवास उनके रोजगार के नजदीक ही मिल जाए.
उद्देश्य |
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य छोटे शहरों के स्थानीय युवाओं के लिए लगभग 1.5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना और संबंधित क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए निवेश को आकर्षित करना है. ये योजनाऐं छोटे शहरों के विकास के लिए उचित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेंगी और उन क्षेत्रों में समृद्धि लाएंगी. |
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ)
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) किसी तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाता को किया गया एक विशिष्ट व्यवसाय कार्य का अनुबंध है. आमतौर पर, बीपीओ को वैसे काम जिनकी कंपनी को ज़रूरत तो होती है लेकिन बाजार पर अपनी पद बनाये रखने के लिए उनपे निर्भर नही करती उनके लिए मूल्य-बचत उपाय के रूप में लागू किया जाता है.
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