भारत सरकार देश की 200 अन्य थोक मंडियों को ई-नैम में शामिल करने की योजना पर कार्य कर रही है. कृषि सचिव एस.के पट्टनायक द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मौजूदा सत्र में इन थोक मंडियों को ई- नैम में शामिल कर ऑनलाइन ट्रेड से जोड़ा जाएगा.
अभी तक 14 राज्योंस की 585 नियमित मंडियों को इलेक्ट्रॉ निक नेशनल एग्रीकल्चटर मार्केट (eNAM) से जोड़ दिया गया है, जिसे अप्रैल 2016 में लॉन्चन किया गया था.
घोषणा की विशेषताएं
• मंडियों को इस सुविधा से जोड़ने के साथ ही इंटर-मंडी (ऑनलाइन ट्रेडिंग) में और अधिक गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर होगा.
• आंकडों के अनुसार 14 राज्यों के 73.5 लाख किसान 53,153 कमीशन एजेंट और 1 लाख व्यापारी इस पोर्टल के अंतर्गत पंजीकृत किए जा सके हैं.
• इन राज्योंस में आंध्र प्रदेश, छत्तीेसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यलप्रदेश, महाराष्ट्र्, उड़ीसा, राजस्थातन, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तगराखंड शामिल हैं.
• सरकार का प्रयास है कि इस दौरान अधिक से अधिक मंडियों को इस ऑनलाइन मंडी से जोड़कर एक बाजार के अंतर्गत लाया जा सके.
ई-नैम क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि से संबंधित उपजों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा ए.पी.एम.सी मंडी का एक प्रसार है.
ई-नैम पोर्टल सभी ए.पी.एम.सी से संबंधित सूचना और सेवाओं के लिए एक ही स्थान पर सेवा प्रदान करता है. इसमें अन्य सेवाओं के बीच उपज के आगमन और कीमतों, व्यापार प्रस्तावों को खरीदने और बेचने, व्यापार प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया के लिए प्रावधान शामिल हैं.
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ई-नैम के उद्देश्य
• विनियमित बाजार में पारदर्शी विक्रय सुविधा और मूल्य की खोज के लिए राष्ट्रीय ई-बाजार उपलब्ध कराना.
• बाजार यार्ड में भौतिक उपस्थिति या दुकान / परिसर के कब्जे के किसी पूर्व शर्त के बिना राज्य के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों / खरीदारों और कमीशन एजेंटों की लिबरल लाइसेंस.
• व्यापारी का एक लाइसेंस राज्य भर के सभी बाजारों में मान्य रहेगा.
• कृषि उपज की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप और खरीददारों द्वारा सूचित बोली सक्षम करने के लिए प्रत्येक बाजार में परख करने की क्रिया के लिए (गुणवत्ता परीक्षण) मूलभूत सुविधाओ का प्रावधान करना.
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