तेलंगाना सरकार के विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन ने 06 सितंबर 2018 को मंजूरी दे दी है. इससे अब राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है जो अभी तक लोकसभा चुनाव के साथ ही होने थे.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्यपाल से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. इस संबंध में सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया था. इससे पहले कैबिनेट मीटिंग के दौरान तेलंगाना विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पास हो गया था. चुनाव तक चंद्रशेखर राव कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
पृष्ठभूमि |
तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्रीय समिति सरकार का कार्यकाल मई 2019 तक का है. हालांकि, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव इस साल के अंत में चार राज्यों में होने वाले चुनाव के साथ ही यहां भी चुनाव कराना चाहते हैं. गौरतलब है कि 2018 के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीससगढ़, राजस्थान और मिजोरम के विधानसभा चुनाव होने हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही तेलंगाना में समय पूर्व चुनाव के कयास लगने शुरू हो गए थे. |
भारतीय राजनीति में तेलंगाना
वर्ष 2014 में आंध्रप्रदेश के बंटवारे के बाद 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना का भारतीय राजनीति में उद्गम हुआ. मई 2014 में विधानसभा चुनाव में टीआरएस को जीत हासिल हुई. इन चुनावों में कुल 119 सीटों में से 63 सीटों पर टीआरएस ने कब्जा जमाया और इसके साथ ही 17 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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