कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना एक अंग ‘प्रति बूंद अधिक फ़सल’ (पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी) को लागू कर रहा है.
वर्ष 2020-21 के लिए, केंद्र द्वारा राज्य सरकारों को 4000 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किये जा चुके हैं जिसके बारे में राज्य सरकारों को अवगत करा दिया गया है.
यह घोषणा करते समय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने विभिन्न अभिनव और विशेष परियोजनाओं के लिए नाबार्ड के साथ मिलकर 5000 करोड़ रुपये के सूक्ष्म सिंचाई निधि कोष (माइक्रो इरीगेशन फंड कॉर्पस) के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी.
'प्रति बूंद अधिक फसल' के तहत निधि का आवंटन
पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी ड्रिप और स्प्रिंकलर इरिगेशन सिस्टम्स जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से खेत के क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने पर केंद्रित है. यह तकनीक पानी की बचत के साथ-साथ श्रम खर्च, उर्वरक उपयोग और अन्य निवेश लागतों को कम करने में मदद करेगी.
वित्त और किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया कि 4000 करोड़ रुपये का आवंटन पहले ही हो चुका है और राज्य सरकारों ने इस कार्यक्रम के तहत शामिल किए जाने वाले लाभार्थियों की पहचान कर ली है. वर्ष 2020-21 के लिए कुछ राज्यों को फंड जारी करने की प्रक्रिया पहले ही चल रही है.
नाबार्ड के साथ मिलकर बनाया गया है यह सूक्ष्म सिंचाई निधि कोष
यह 5000 करोड़ रुपये का सूक्ष्म सिंचाई निधि कोष राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड/ NABARD) के साथ मिलकर बनाया गया है. इस आवंटित निधि का उद्देश्य नवीन और विशेष परियोजनाओं के लिए सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए संसाधन जुटाने में राज्यों को सुविधा प्रदान करना है.
इसका उद्देश्य पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी के तहत उपलब्ध प्रावधानों से आगे सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
नाबार्ड के माध्यम से तमिलनाडु को 478.79 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 616.14 करोड़ रुपये क्रमशः की राशि सूक्ष्म सिंचाई निधि के तौर पर जारी की गई है. इन परियोजनाओं के अंतर्गत तमिलनाडु में आने वाला क्षेत्र 1.76 लाख हेक्टेयर और आंध्र प्रदेश में आने वाला क्षेत्र 1.021 लाख हेक्टेयर हे.
पिछले पांच वर्षों (2015-2016 से 2019-2020) के दौरान पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई के तहत 46.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को पहले ही शामिल किया जा चुका है.
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