नमामि गंगे के तहत यमुना के किनारे बसे शहरों हेतु 1387.71 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत

इन परियोजनाओं में जलमल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण एवं जीर्णोद्धार, जलमल शोधन संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी प्रणालियां शामिल हैं.

Feb 19, 2019, 15:08 IST
govt approves projects worth Rs 1,388 crore under Namami Gange
govt approves projects worth Rs 1,388 crore under Namami Gange

कार्यकारी समिति ने नमामि गंगे के तहत यमुना नदी के किनारे बसे शहरों के लिए 1387.71 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर दी. इसके तहत यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर विशेष ध्यान दिया गया है.

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने फिरोजाबाद, इटावा, बागपत और मेरठ के लिए सहायक नदियों पर परियोजनाओं को भी मंजूरी दी.

इन परियोजनाओं में जलमल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण एवं जीर्णोद्धार, जलमल शोधन संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी प्रणालियां शामिल हैं.

नदी के किनारे बसे शहरों पर फोकस:

इटावा

कार्यकारी समिति द्वारा 140.6 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवेज बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई. इनमें टिक्सी नाले का अवरोधन एवं मार्ग परिवर्तन, क्लोरीन का उपयोग करने वाली प्रणालियों सहित वर्तमान एसटीपी का उन्नयन, 2.1 करोड़ लीटर की दैनिक सीवेज शोधन क्षमता वाला नया एसटीपी और 3 एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट में 49.74 करोड़ रुपये की लागत से मंजूर परियोजनाओं का परिचालन एवं रखरखाव करना भी शामिल है.

 

फिरोजाबाद

नमामि गंगे की कार्यकारी समिति द्वारा 51.08 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवरेज बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है. इनमें दो नालों की निकासी, दो सीवेज पम्पिंग केन्द्रों का निर्माण करना, मुख्य सीवर लाइनों का निर्माण करना और अन्य विकास कार्य शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट में 15 वर्षों तक परियोजना का परिचालन एवं रखरखाव करना भी शामिल है.

 

बागपत

कार्यकारी समिति द्वारा सीवरेज से जुड़े बुनियादी ढांचे के लिए उत्तर प्रदेश के बागपत शहर में 77.36 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है. इनमें 1.4 करोड़ लीटर की दैनिक क्षमता वाले सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण करना, 4 नालों की निकासी, अवरोधन एवं मुख्य सीवर लाइन और सीवेज पम्पिंग केन्द्र का निर्माण करना शामिल है. पूरा हो जाने के बाद इन परियोजनाओं का 15 वर्षों तक रखरखाव किया जाएगा.

 

मेरठ

कार्यकारी समिति ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में सीवरेज से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 681.78 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी. स्वीकृत परियोजनाओं में 200 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता वाले नये एसटीपी का निर्माण करना, अवरोधन के साथ-साथ सीवर लाइनों का मार्ग परिवर्तन करना और चढ़ावदार मुख्य पाइप या नली का विकास करना शामिल हैं.

 

आगरा

कार्यकारी समिति ने आगरा में 317.2 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवरेज बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं में 6 एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी, 15 मौजूदा सीवेज पम्पिंग केन्द्रों का स्वचालन या ऑटोमेशन, सीवेज पम्पिंग केन्द्रों का जीर्णोद्धार और 29 नाला निकासी का रखरखाव करना शामिल हैं.

 

चुनार

कार्यकारी समिति ने उत्तर प्रदेश के चुनार शहर में मल गाद के प्रबंधन और प्रदूषण में कमी के लिए 2.70 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी है. इसका कार्यान्वयन विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) द्वारा किया जाएगा. इसमें 10 केएलडी के मल गाद शोधन संयंत्र का निर्माण करना शामिल है. संबंधित परियोजनाओं में 5 वर्षों तक केएलडी का परिचालन एवं रखरखाव करने के साथ-साथ परियोजना के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल माहौल बनाना भी शामिल है. समिति ने शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और उत्तर प्रदेश जल निगम (यूपीजेएन) को प्रशिक्षित करने को मंजूरी दी है.

जैव विविधता का संरक्षण:

गंगा नदी में जलीय जैव विविधता का पुनरुत्थान करना नमामि गंगे कार्यक्रम के महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्रों में से एक है. कार्यकारी समिति ने गंगा नदी में जलीय जीवन को फिर से बहाल करने हेतु महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा शुरू की गई जैव विविधता संरक्षण परियोजनाओं के दूसरे चरण में जलीय प्रजातियों के संरक्षण के लिए नियोजन एवं प्रबंधन करना और गंगा नदी में पारिस्थितिकी से जुड़ी सेवाओं का रखरखाव करना शामिल हैं.

जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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