आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के अंतर्गत ब्याज सब्सिडी के योग्य माने जाने वाले मकानों के कारपेट एरिया में संशोधन को मंजूरी दे दी है.
सब्सिडी के योग्य माने जाने वाले मकानों के संदर्भ में एमआईजी-I के लिए कारपेट एरिया को ‘120 वर्ग मीटर तक’ से बढ़ाकर ‘160 वर्ग मीटर तक’ और एमआईजी-II के लिए कारपेट एरिया को ‘150 वर्ग मीटर तक’ से बढ़ाकर ‘200 वर्ग मीटर तक’ कर दिया गया है.
मुख्य तथ्य:
- इस फैसले से क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत एमआईजी-I श्रेणी के खरीददारों को 2.35 लाख रुपये और एमआईजी-II श्रेणी के घर खरीददारों को 2.30 लाख रुपये का सब्सिडी में सीधा लाभ मिलता है.
- क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत एमआईजी-I श्रेणी के आवास खरीददारों की वार्षिक आय 6 से 12 लाख रुपये और एमआईजी-II श्रेणी के लिये 12 से 18 लाख रुपये होने का प्रावधान है.
- इस आय वर्ग के खरीददारों को एमआईजी1 के तहत 20 साल की अवधि के लिये 9 लाख रुपये के मंजूर आवास ऋण पर ब्याज दर में 4 प्रतिशत और एमआईजी-II के तहत 12 लाख रुपये के मंजूर आवास ऋण पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत की छूट मिलती है.
- मंत्रालय ने संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इस योजना के लागू होने की तिथि 1 जनवरी 2017 से प्रभावी मानी है. पीएमएवाई योजना के तहत इससे पहले आवास ऋण ले चुके लोगों को भी सब्सिडी का लाभ मिल सके.
- इस योजना की अवधि 31 मार्च 2019 तक निर्धारित की गयी थी. योजना के अंतर्गत 11 जून 2018 तक सरकार द्वारा एमआईजी श्रेणी के आवास ऋण पर 35204 लाभार्थियों को 736.79 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में जारी किये जा चुके हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना |
प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाएँगे. सरकार ने 9 राज्यों के 305 नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है. इसके लिए सरकार 20 लाख घरो का निर्माण करवाएगी जिनमे से 18 लाख घर झुग्गी –झोपड़ी वाले इलाके में बाकि 2 लाख शहरों के गरीब इलाकों में किया जायेगा. |
इससे होने वाले लाभ:
- यह निर्णय निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करेगा. आपूर्ति क्षेत्र में भी गतिविधियां बढ़ेंगी. इस पहल से आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और इससे मांग में भी वृद्धि होगी.
- इस बढ़ोतरी से अधिक संख्या में एमआईजी उपभोक्ता सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर पाएंगे. ये सुविधाएं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दी जाती हैं.
- लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि होने के साथ ही कारपेट एरिया में वृद्धि से निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी. इससे आवास क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
- निर्माण गतिविधियों में तेजी आने से सीमेंट, स्टील, मशीनरी जैसे क्षेत्रों में भी मांग बढ़ेगी. शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में बढ़ोतरी से कुशल व अकुशल कामगारों के लिए रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा.
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