कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि कल्याण अभियान की शुरूआत की है. इसके तहत किसानों को उत्तम तकनीक और आय बढ़ाने के बारे में सहायता और सलाह प्रदान की जाएगी.
कृषि कल्याण अभियान का आयोजन नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए 01 जून 2018 से 31 जुलाई 2018 के बीच किया जा रहा है.
कार्यान्वयन प्रक्रिया |
कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, पशुपालन, डेयरी उद्योग और मत्स्य पालन, कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग मिलकर जिलों के 25-25 गांवों में कार्यक्रमों का संचालन करेंगे. प्रत्येक जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र सभी 25-25 गांवों में कार्यक्रमों को लागू करने में सहयोग करेंगे. प्रत्येक जिले में एक अधिकारी को कार्यक्रम की निगरानी करने एवं सहयोग करने का प्रभार दिया गया है. इन अधिकारियों का चयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रमों/स्वायत्त संगठनों और सम्बद्ध कार्यालयों से किया गया है. |
कृषि कल्याण अभियान की विशेषताएं
• कृषि कल्याण अभियान आकांक्षी जिलों के 1000 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक 25 गांवों में चलाया जा रहा है.
• इन गांवों का चयन ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है.
• जिन जिलों में गांवों की संख्या 25 से कम है, वहां के सभी गांवों को (1000 से अधिक आबादी वाले) इस योजना के तहत कवर किया जा रहा है.
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कृषि कल्याण अभियान की गतिविधियां
• मृदा स्वास्थ्य कार्डों का सभी किसानों में वितरण
• प्रत्येक गांव में जानवरों के खुर और मुंह रोग (एफएमडी) से बचाव के लिए सौ प्रतिशत बोवाइन टीकाकरण.
• भेड़ और बकरियों में बीमारी से बचाव के लिए सौ फीसदी कवरेज.
• सभी किसानों के बीच दालों और तिलहन की मिनी किट का वितरण.
• प्रति परिवार पांच बागवानी/कृषि वानिकी/बांस के पौधों का वितरण.
• प्रत्येक गांव में 100 एनएडीएपी पिट बनाना.
• कृत्रिम गर्भाधान के बारे में जानकारी देना.
• सूक्ष्म सिंचाई से जुड़े कार्यक्रमों का प्रदर्शन.
• बहु-फसली कृषि के तौर-तरीकों का प्रदर्शन.
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