28 सितंबर, 2021 को फ्रांस और ग्रीस ने अरबों यूरो के परस्पर रक्षा सौदे की घोषणा की. इसमें लंबे समय से दुश्मन तुर्की के साथ एक बार फिर बढ़ते हुए तनाव के बीच, पूर्वी भूमध्य सागर में अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने की रणनीति के एक हिस्से के रूप में, तीन फ्रांसीसी युद्धपोतों को खरीदने का ग्रीस का निर्णय भी शामिल था.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने संयुक्त रूप से पेरिस में एक संवाददाता सम्मेलन में इस रक्षा और सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की.
राष्ट्रपति मैक्रों ने इस साझेदारी के बारे में जानकारी देते हुए यह कहा कि, यह दोनों देशों की आपसी हितों के आधार पर रक्षा और, सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और तीव्र करने की इच्छा व्यक्त करता है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, यह दोनों राज्यों की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगा.
फ्रांस और ग्रीस के बीच रक्षा समझौता
- एथेंस ने यह घोषणा की है कि, वह पश्चिमी फ्रांस के लोरिएंट में रक्षा ठेकेदार/ कांट्रेक्टर नेवल ग्रुप द्वारा बनाए जाने वाले तीन फ्रांसीसी युद्धपोत खरीदेगा.
- यूनान और फ्रांस के बीच इस अरबों यूरो के रक्षा सौदे में, चौथे युद्धपोत के अधिग्रहण का विकल्प भी शामिल है.
- ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस के अनुसार, यह सौदा देश को बचाने की खातिर राष्ट्रीय प्रेरणा से आता है हालांकि, इसका एक यूरोपीय मकसद भी है क्योंकि यह सामान्य तौर पर रक्षा उद्योग को मजबूत करेगा.
दो यूरोपीय देशों के बीच अरबों यूरो का रक्षा सौदा: जानिये इसके निहितार्थ यहां
ग्रीस पहले ही 18 फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है और अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए एक कार्यक्रम के तहत अन्य छह विमान खरीदने की योजना बना रहा है.
ऑस्ट्रेलिया को डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों को बेचने के लिए 66 बिलियन अमरीकी डालर का सौदा रद्द हो जाने के बाद, दोनों देशों की घोषणा फ्रांस के लिएऐसे महत्वपूर्ण समय पर भी आई है, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के बजाय, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रदान की गई परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को हासिल करने के लिए चुना है.
हाल ही में यूके, ऑस्ट्रेलिया और US द्वारा घोषित तीन-तरफा रणनीतिक रक्षा गठबंधन भी फ्रांसीसी अधिकारियों के लिए एक झटके के रूप में आया था.
ग्रीस और तुर्की के बीच बढ़ा तनाव
हाल के वर्षों में ग्रीस और उसके ऐतिहासिक क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी तुर्की के बीच तनाव बढ़ गया है. इस बढ़ते तनाव का कारण पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में गैस की खोज के अधिकार के साथ-साथ दोनों देशों के बीच का जल क्षेत्र है.
ग्रीस और तुर्की दशकों से समुद्री और विमानन सीमाओं, एजियन सागर में क्षेत्रीय अधिकारों के साथ-साथ अल्पसंख्यक अधिकारों सहित अन्य कई मुद्दों की एक लंबी श्रृंखला को लेकर एक दूसरे के खिलाफ़ हैं.
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