भारत का 40वां संचार उपग्रह जीसैट-31 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित

Feb 6, 2019, 09:37 IST

जीसैट-31 का इस्तेमाल सहायक वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंक्स, डिजिटल उपग्रह समाचार जुटाने, डीटीएच टेलीविजन सेवाओं, सेलुलर बैक हॉल संपर्क और इस तरह के कई कार्यो में किया जायेगा.

GSAT-31 successfully launched
GSAT-31 successfully launched

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने फ्रेंच गुएना के अंतरिक्ष केंद्र से अपने 40वें संचार उपग्रह जीसैट-31 का 05 फरवरी 2019 को सफल प्रक्षेपण किया. इसरो द्वारा जारी जानकारी के अनुसार उपग्रह की आयु 15 वर्ष है.

यह कक्षा के अंदर मौजूद कुछ उपग्रहों पर संचालन संबंधी सेवाओं को जारी रखने में मदद मुहैया करेगा और जियोस्टेशनरी कक्षा में केयू-बैंड ट्रांसपोंडर की क्षमता बढ़ायेगा. यह उपग्रह 2,535 किलोग्राम वजनी है जिसे फ्रेंच गुएना के कुरू से रॉकेट एरिएन-5 (वीए247) के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया है.

जीसैट-31 संचार उपग्रह के लाभ

•    अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के मुताबिक, उपग्रह जीसैट-31' को इसरो के परिष्कृत आइ-2के बेस पर स्थापित किया गया है.

•    यह इसरो के पूर्ववर्ती इनसैट/जीसैट उपग्रह श्रेणी के उपग्रहों का उन्नत रूप है.

•    यह उपग्रह भारतीय भू-भाग और द्वीप को कवरेज प्रदान करेगा.

•    इसरो ने यह भी कहा है कि जीसैट-31 का इस्तेमाल सहायक वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंक्स, डिजिटल उपग्रह समाचार जुटाने, डीटीएच टेलीविजन सेवाओं, सेलुलर बैक हॉल संपर्क और इस तरह के कई कार्यो में किया जायेगा.

•    यह उपग्रह अपने व्यापक बैंड ट्रांसपोंडर की मदद से अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के विशाल समुद्री क्षेत्र के ऊपर संचार की सुविधा के लिये विस्तृत बीम कवरेज प्रदान करेगा.

संचार उपग्रह

दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है. आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं. निश्चित सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं. उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी. और रेडियो प्रसारण के लिए होता है, जहां केबल जैसे अन्य प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग अव्यावहारिक या असंभव है.

भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) प्रणाली, भूस्थिर कक्षा में स्थापित नौ प्रचलनात्मक संचार उपग्रहों सहित एशिया-पे‍सिफिक क्षेत्र में सबसे बडे घरेलू संचार उपग्रहों में से एक है. इन्सैट-1बी से शुरूआत करते हुए इसकी स्थापना 1983 में की गई. इसने भारत के संचार क्षेत्र में एक महत्वतपूर्ण क्रांति की शुरूआत की तथा बाद में भी इसे बरकरार रखा. वर्तमान में प्रचलनात्मक संचार उपग्रह है - इन्सैट-3ए, इन्सैट-3सी, इन्सैट-3ई, इन्सैट-4ए, इन्सैट-4सी.आर., जीसैट-8, जीसैट-10 तथा जीसैट-12 आदि.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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