गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने 22 जून, 2021 को कृषि विविधीकरण योजना 2021 को ई-लॉन्च किया.
यह योजना गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में वनबंधु कल्याण योजना के तहत किसानों को लाभान्वित करेगी.
Tribal farmers will now sow the seeds of progress along with the crop - CM Shri @vijayrupanibjp launches ‘Agricultural Diversification Scheme-2021’ with a commitment to making agriculture sustainable and profitable for the Vanbandhu farmers in the tribal areas of the State. pic.twitter.com/kvfY3JaoSD
— CMO Gujarat (@CMOGuj) June 22, 2021
कृषि विविधीकरण योजना 2021 से किसे लाभ होगा?
• गुजरात के 14 आदिवासी जिलों में फैले 1.26 लाख से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे.
• राज्य सरकार ने आदिवासी जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में ऊंचाई पर सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए कई लिफ्ट सिंचाई योजनाएं लागू की हैं. इन योजनाओं से किसानों को अपने दम पर खेती करने में मदद मिलेगी और पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इस योजना के तहत किसानों को क्या मिलेगा?
• किसानों को टमाटर, कैलाबैश (दूधी), करेला, मक्का, बाजरा जैसी फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
• 45 किलो यूरिया, 50 किलो NPK और 50 किलो अमोनियम सल्फेट सहित 31 करोड़ रुपये की उर्वरक-बीज सहायता प्रदान की जाएगी.
वनबंधु कल्याण योजना
• वनबंधु कल्याण योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष, 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर की थी.
• इस योजना का उद्देश्य जनजातीय लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना, शिक्षा की गुणवत्ता, आदिवासी लोगों के लिए स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करना, बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करना और इस क्षेत्र की जनजातीय संस्कृति और विरासत की रक्षा करना है.
गुजरात में जनजातीय क्षेत्र
• गुजरात में जनजातीय क्षेत्र निम्नलिखित जिलों में पाए जाते हैं: भरूच, डांग, पंचमहल, सौराष्ट्र, साबरकांठा, सूरत, तापी, वडोदरा और वलसाड.
• भारत की वर्ष, 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों के 8,917,174 लोग गुजरात की कुल जनसंख्या का 14.75 प्रतिशत थे. इस राज्य में अनुसूचित जनजातियों की आबादी ने वर्ष, 1991-2001 से वर्ष, 2011 तक 21.4 प्रतिशत दशकीय वृद्धि दर्ज की है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation